रेवतीकांत
चीफ डिजाइन आफिसर, टाइटन कंपनी लिमिटेड
रेवतीकांत आज एक जानापहचाना नाम है. यकीनन यहां तक पहुंचने में कड़ी मेहनत, मजबूत इरादे और लगन की जरूरत होती है. हम ने रेवतीकांत से उन की पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ के बारे में बात की. पेश हैं, बातचीत के कुछ अंश:
अपने बारे में कुछ बताएं?
टाइटन कंपनी में मेरी जर्नी काफी लंबी रही है. मुझे इस कंपनी में काम करते हुए 30 साल पूरे हो चुके हैं. टाइटन की सब से बड़ी खासियत यह है कि यहां पर फ्रीडम बहुत है और अवसर भी काफी ज्यादा हैं. 30 सालों से मैं ने भी यहां काफी अलगअलग चीजें की हैं. ऐसा नहीं है कि मैं पिछले 30 सालों से डिजाइन में हूं. मेरा बैकग्राउंड मार्केटिंग से रहा है. मैं ने मार्केटिंग रिसर्च में जौइन किया था. इस के बाद मैं मेन मार्केटिंग में शिफ्ट हुई. मैं ने 10 साल दुबई में काम किया. जब मैं भारत वापस आई तो मुझे लगा कि कुछ और ट्राई करना चाहिए. तब मेरी रुचि प्रोडक्ट डिजाइन की तरफ ज्यादा हुई.
जब मैं साल 2005 में भारत आई तो जापान हैड करने की जिम्मेदारी संभाली. यहां पर मेरा काम घडि़यां खरीदने का था, जो कि टाइटन डिजाइन स्टूडियो के नाम से जाना जाता है. यहां पर मैं ने 5 से 6 साल काम किया. यह काम मुझे काफी इंट्रैस्टिंग लगा. यहां काम कर के मुझे समझ आया कि इस काम में काफी संभावना है, इस में मैं कंपनी के लिए बहुत वैल्यू ऐड कर सकती हूं.
इस के बाद ज्वैलरी बिजनैस की जिम्मेदारी मिली. यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी, क्योंकि भारत में ज्वैलरी मार्केट काफी बड़ा है. यह मेरे लिए काफी बड़ी जिम्मेदारी थी जिसे मैं ने बखूबी तरीके से निभाया.
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टाइटन के साथ काम करते हुए आप को लगभग 30 साल हो चुके हैं, हमें अपनी यात्रा और ऐक्सपीरियंस के बारे में कुछ बताएं.
जब मैं ज्वैलरी बिजनैस में गई तो फिर मैं ने इस क्षेत्र में बेहतर से बेहतरीन करने का सोचा. मैं ने 7 से 8 साल ज्वैलरी डिजाइन को हैड किया. इस में मेरा काफी शानदार ऐक्सपीरियंस रहा, क्योंकि हम ने ज्वैलरी बिजनैस में काफी कुछ किया. हम ने कंज्यूमर्स के हिसाब से डिजाइन बनाए.
इस क्षेत्र में आने के लिए आप को प्रेरणा कहां से मिली?
मैं जब घर से बाहर निकली तो बहुत बड़ा ड्रीम ले कर नहीं आई थी, लेकिन मैं ने यह जरूर सोचा कि मैं जो भी काम करूंगी वह पूरी लगन से करूंगी और अपना पूरा योगदान दूंगी. मैं ने अपनी लाइफ में पौजिटिविटी को काफी अहमियत दी है. साथ ही मेरा यह मानना है कि किसी भी चीज को पाने के लिए लगन और मेहनत काफी जरूरी है और मैं ने अपनी लाइफ में काफी मेहनत और लगन से काम किया है.
ग्लास सिलिंग को ले कर आप का क्या ऐक्सपीरियंस रहा है?
मेरे कैरियर की शुरुआत ऐसी कंपनी में हुई है जहां पर इन चीजों को अहमियत नहीं दी जाती है. हां, लेकिन एक बात जरूर है कि महिलाओं को किसी भी फील्ड में काफी ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.
मेरा महिलाओं से यह कहना है कि जो भी काम करो, पूरे कौंफिडैंस के साथ करना चाहिए. यह भी ध्यान देने वाली बात है कि सही रास्ते पर चल कर काम करना है, गलत लोगों से दूर रहना है और कभी भी सक्सैस के लिए शौर्टकट नहीं लेना चाहिए.
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महामारी के इस समय में आप अपने काम और घर को किस तरह मैनेज करती हैं?
वर्किंग वूमन के लिए यह समय काफी कठिन है. शुरूआत में मुझे घर से काम करने में काफी दिक्कतें आई थीं, क्योंकि घर में काम करने के लिए कोई और नहीं है, तो घर का काम भी करना है और औफिस का भी. लेकिन अब धीरेधीरे आदत पड़ गई है. यहां एक बात ध्यान देने वाली यह है कि घर में और भी लोग होते हैं तो घर के काम में सब की मदद लेनी चाहिए, चाहे वे पुरुष हों, ऐसे में घर का काम बंट जाता है और महिलाओं को घर के काम का प्रैशर फील नहीं होता.