रेटिंगः दो स्टार
निर्माताः भूषण कुमार, अनुराधा गुप्ता, संगीता अहिर, किशन कुमार
निर्देशकः संजय गुप्ता
कलाकारः जौन अब्राहम, इमरान हाशमी, सुनील शेट्टी, काजल अग्रवाल, रोहित रॉय, अंजना सुखानी, महेश मांजरेकर, प्रतीक बब्बर व अन्य.
अवधिः दो घंटे सात मिनट 31 सेकंड
अस्सी व नब्बे के दशक में मुंबई में गैंगस्टर के कुछ गुटों के बीच आपसी लड़ाई चरम सीमा पर थी, जिन्हे राजनीतिक दलों का वरदहस्त हासिल था. इसी दशक में मुंबई में गवली गैंग, अमर व अश्विन गैंग का बोलबाला था. फिल्मकार संजय गुप्ता ने इसी काल की कुछ सत्य घटनाओं और उस काल के अशांत मुंबई को अपनी फिल्म‘‘मंुबई सागा’’में पिरोया है.
कहानीः
फिल्म‘‘मुंबई सागा’’की कहानी अस्सी के दशक में शुरू होती है. एक भाजी मार्केट में भाजी बेचने वालो से गायतोंडे(अमोल गुप्ते) के गुंडे हफ्ता वसूली करते हैं. जो हफ्ता देने से मना कर दे, उसके साथ मारपीट करते हैं. एक दिन सब्जी की दुकान पर अर्जुन बैठा होता है, वह हफ्ता देने से मना कर देता है, तो गायतोंडे के गुंडे उसे मौत के घाट उतारने के लिए रेल की पटरी पर लिटा देते हैं. सीमा(काजल अग्रवाल) इसकी खबर अर्जुन के भाई अमत्र्य राव(जौन अब्राहम) को देती है, अमत्र्य राव अपने भाई को बचा लेता है, पर अब वह गायतोंडे के गुंडो को सबक सिखाने का मन बना लेता है. दूसरे दिन वह अपने पिता की बजाय खुद सब्जी की दुकान पर बैठता है और गुंडों को हफ्ता देने से इंकार कर देता है. फिर अमत्र्य राव कई गुंडों को पीटता है, एक का हाथ काट देता है. गायतोंडे के इशारे पर पुलिस महकमा हरकत में आता है और अमत्र्य राव को जेल में बंद कर दिया जाता है, जहां गायतोंडे के पालतू गुंडों से अमत्र्य राव की लड़ाई होती है. यहीं जेल में अमत्र्य राव की मुलाकात ड्ग्स के धंधे से जुड़े नारी खान(गुलशन ग्रोवर) से होती है. दूसरे दिन अमत्र्य राव की जमानत हो जाती है. पता चलता है कि यह जमानत भाउ(महेश मांजरेकर) ने करायी है. भाउ एक राजनीतिक दल के सर्वेसर्वा हैं.
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