बौडी पौलिशिंग यानी ऐसी प्रक्रिया, जिस में एक्सफोलिएशन द्वारा शरीर के डेड सेल्स को हटा कर त्वचा को स्वस्थ, मुलायम व चमकदार बना कर स्फूर्ति प्रदान की जाती है. हमारी त्वचा पर जमा हुए डेड सेल्स से वह कांतिहीन व धब्बेदार हो जाती है. इस ऊपरी मृत त्वचा को हटाने से स्किन का टेक्सचर तो बेहतर होता ही है, नए सेल्स का निर्माण भी तेजी से होता है. इस के अलावा डेड स्किन हटाने से त्वचा की ऊपरी परत तक रक्त का प्रवाह बेहतर होता है.
हमारी त्वचा विभिन्न उत्पादोें को स्वयं ऐब्सार्ब करने में सक्षम होती है. कुल मिला कर यह पूरी प्रक्रिया शरीर को रिलैक्स कर स्वस्थ बनाती है. त्वचा को कई प्रकार से फायदा पहुंचाने के कारण आजकल बौडी पौलिशिंग बेहद लोकप्रिय हो चुकी है. इस प्रक्रिया में व्यक्ति की आवश्यकतानुसार कुछ उत्पादों का चयन कर के धूप में झुलसी त्वचा तक का उपचार भी किया जाता है. ड्राई स्किन, बंद रोमछिद्र, कुहनी, घुटनों या एडि़यों का खुरदरापन जैसी समस्याएं भी दूर की जाती हैं.
बौडी पौलिशिंग की यह प्रक्रिया नई नहीं है अपितु भारत में सदियों से उबटन लगाने की परंपरा रही है, जिस में आटे का चोकर, बेसन, दही या मलाई, हलदी आदि वस्तुएं मिला कर स्नान से कुछ देर पहले लगा कर छोड़ दिया जाता था. नहाते समय जब पानी से इसे साफ किया जाता था, तो इस के साथसाथ मृत त्वचा की ऊपरी परत भी हट कर त्वचा को नरम व मुलायम बना देती थी.
आज के समय में तो ऐसे उपचार बेहद आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि आज वातावरण में धूलमिट्टी एवं प्रदूषण की मात्रा हद से ज्यादा है, साथ ही हमें अत्यधिक तनाव भी झेलना पड़ता है. इसलिए आज बौडी पौलिशिंग इतनी लोकप्रिय हो रही है. यह त्वचा को साफ करती है, थकान दूर करती है और तनाव भी मिटाती है.
जड़ीबूटियों व घरेलू वस्तुओं का इस्तेमाल भी त्वचा के लिए लाभदायक है. इन के द्वारा शरीर से विषैले तत्त्व भी बाहर निकलते हैं, जिन में से मुख्य है डायमंड बौडी पौलिश, जो शरीर को पोषण प्रदान करती है. पूरे शरीर पर यह स्क्रब लगा कर हाथों को गोलाई में घुमाते हुए रगड़ा जाता है. उस के बाद डायमंड क्रीम से पूरे शरीर की मसाज की जाती है, जिस से थकान दूर होती है. मसाज के बाद डायमंड मास्क लगाया जाता है. इन उत्पादों में हीरे की भस्म का प्रयोग किया जाता है.
बौडी पौलिशिंग के लिए जरूरी चीजें
अपनी रसोई में भी उपलब्ध सामग्री से आप घरेलू स्क्रब बना सकती हैं. इस में किसी एसेंशियल आयल की चंद बूंदें डाल सकती हैं. स्क्रब के लिए मुख्य रूप से बादाम का चूरा, ओटमील या चोकर की आवश्यकता पड़ती है. इस में संतरे या नीबू के सूखे छिलकों का चूर्ण, मोटा नमक या चीनी मिलाई जा सकती है. संतरे व नीबू के छिलकों को धूप में अच्छी तरह सुखा कर इन को पीस कर एअरटाइट जार में भर कर रख लेना चाहिए. इसी तरह से बादाम का चूरा बना कर भी डब्बे में भर कर रख लें. इस मेें दही, दूध या तेल मिलाया जा सकता है.
घर में उपलब्ध कोई भी तेल जैसे सनफ्लावर आयल, औलिव आयल आदि आप अपने स्क्रब और मास्क में मिला सकती हैं. यदि आप कोई अन्य तेल मिलाना चाहें तो एप्रीकोट केरनेल आयल (खुबानी की गिरी का तेल), जोजोबा आयल या एवोकैडो आयल मिला लें. इन के साथ रोज, लैवेंडर, नरोली, जिरेनियम आदि एसेेंशियल आयल की कुछ बूंदें खुशबू व अन्य लाभ के लिए मिला लें. तिल के बीज, पुदीने की सूखी पत्तियां और शहद आदि का बौडी पौलिशिंग में आमतौर पर प्रयोग नहीं किया जाता, पर ये चीजें त्वचा के लिए बहुत अच्छी होती हैं. तिल के बीजों को दरदरा पीस लें और सूखी पुदीने की पत्तियों का पाउडर बना लें. इस में थोड़ा सा शहद मिला कर लगा लें. इस से झांइयां मिटती हैं और त्वचा का रंग एकसार हो जाता है.
मसाज आयल
100 ग्राम शुद्ध औलिव आयल में लौंग के तेल, लैवेंडर आयल और रोज आयल की 5-5 बूंदें मिला कर इस से बौडी मसाज करें. औलिव आयल एक महत्त्वपूर्ण मसाज आयल है. यह न सिर्फ त्वचा को पोषण प्रदान कर सौफ्ट बनाता है बल्कि त्वचा का सामान्य एसिड एल्केलाइन भी बैलेंस बना कर रखता है.
कैसे करें
सब से पहले त्वचा की एक्सफोलिएशन करें. स्क्रब की सारी चीजें मिला कर पूरे चेहरे व शरीर पर लगा लें. 15-20 मिनट बाद उंगलियों को गोल घुमाते हुए इसे हलके हाथों से रगड़ें. घुटनों, कुहनियों और एडि़यों पर विशेष तौर पर इसे स्क्रब करें और फिर पानी से धो लें. इस के बाद खुशबूदार तेल से मसाज करें. कंधों, कुहनियों और कलाइयों के जोड़ों पर हलके सर्कुलर स्ट्रोक्स दें और बाजुओं व पैरों पर ऊपर से नीचे स्ट्रोक्स देते हुए मसाज करें.
पेट पर भी हाथों को गोल घुमाते हुए मसाज करें. नाभि से मसाज करना शुरू करते हुए हाथों की मूवमेंट बाहर की ओर करें. पेट के ऊपरी हिस्से पर हाथों को दाएं से बाएं घुमाएं, जबकि निचले हिस्से पर बाएं से दाएं. पीठ की मसाज रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से शुरू करते हुए ऊपर एवं बाहर की तरफ स्ट्रोक्स देते हुए करें. शरीर के बाकी हिस्सों की भी इसी प्रकार मसाज करें.
मसाज के बाद स्किन की ब्रशिंग करें. इस से त्वचा से टौक्सिंस बाहर निकालने में मदद मिलती है. किसी खुरदरे कपड़े की सहायता से पूरे शरीर की ब्रशिंग करें. पंजों से शुरू करते हुए ऊपर की ओर जाएं. हाथों की भी नीचे से ऊपर की ओर ब्रशिंग करें. इसी प्रकार कंधों और पीठ की भी ब्रशिंग करें. सीने और पेट पर हलके हाथों से ब्रशिंग करें.
– शहनाज हुसैन, सी.एम.डी., शहनाज हुसैन ग्रुप
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