मिताली के घर जब उस की सहेलियां आईं तो सब के स्वागत के लिए उस ने विनम्रता से पूछा, ‘‘चाय लोगे या ठंडा?’’
‘‘चाय की इतनी आदत है कि बिना चाय के मन नहीं मानता और इतनी गरमी में चाय पीने की इच्छा भी नहीं होती.’’
उन के इस उत्तर का हल मिताली के पास था. अत: वह सब के लिए स्वादिष्ठ फू्रटी फ्लेवर वाली कूलकूल आइस्ड टी ले आई. फिर क्या था, महफिल में जान आ गई.
आइस्ड टी की शुरुआत 1904 में मिसूरी (अमेरिका) के सैंट लुईस वर्ल्ड फेयर में हुई थी जब झुलसती गरमी से बचाव हेतु एक चाय के बागान के मालिक ने अपनी चाय को बर्फीले पाइपों में से निकाल कर ठंडा किया था.
आइस्ड टी के ग्रीन ऐप्पल और पीच फ्लेवर तो सब ने चखे हैं, किंतु आज बाजार में अनगिनत फ्लेवर मौजूद हैं जैसे- फ्रूटी, मैंगो, मिंट, बेसिल, बेरी, ब्लैक, व्हाइट, औरेंज, कैमोमाइल आदि.
चाय ही क्यों
चाय एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है, जिस में काफी मात्रा में ऐंटीऔक्सीडैंट्स मौजूद होते हैं. यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाती है, साथ ही शरीर का मैटाबोलिज्म यानी चयापचय भी विकसित करती है. चाय पीने से हमारे अंदर ऊर्जा का संचार होता है.
पसंद अपनीअपनी
इंडीगो डेलीकैटेसन के जयदीप मुखर्जी को आइस्ड टी में हर्ब मिलाना भाता है तो मिंगल टी के मालिक अमित आनंद को औरेंज और मिंट ग्रीन टी पसंद है. औरेंज में मौजूद विटामिन सी की प्रचुर मात्रा और मिंट की ठंडक व ताजगी गरमी को फटाफट भगा देती है.
वेस्टिन हैदराबाद के मुकेश शर्मा को लाइम और लैवेंडर, लैमनग्रास और हनी, ब्लैक बेरी बेसिल आदि ऐक्सोटिक स्वाद लुभाते हैं. चाहें तो आप थोड़ा सोडा, नीबू के रस की कुछ बूंदें और 1 चम्मच शहद मिला कर स्वाद को अलग स्तर पर ले जा सकती हैं.