माँ बनना संसार की सबसे अभूतपूर्व अनुभूति होती है, इसलिए एक माँ बच्चे को कोख में धारण करने से लेकर जन्म देने तक सभी कठिनाइयों को सहते हुए, जब बच्चे के मासूम चेहरे को देखती है, तो उसकी सारी समस्या पल भर में दूर हो जाती है. माँ का किसी बच्चे के साथ जुड़ाव 9 महीने पहले हो जाता है, यही वजह है कि बच्चे की किसी परेशानी को माँ आसानी से समझ लेती है. इस बारें में मुंबई की मनोचिकित्सक डॉ.पारुल टांक कहती है कि माँ बनने के साथ ही किसी भी महिला में बच्चे को बड़ा करने का दायित्व आ जाती है, इसे महिला एक ब्लेसिंग के साथ-साथ एक जरुरी काम समझती है, जिसे वह नकार नहीं सकती, लेकिन एक वर्किंग महिला के लिए ऐसा कर पाना कठिन होता है. काम और परिवार के बीच संघर्ष चलता रहता है, जिससे उन्हें बहुत अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ऐसी वर्किंग महिलाएं और माँ हर जगह क्वालिटी टाइम देना चाहती है, जो हमेशा संभव नहीं हो पाता.
बच्चे की परवरिश में आई कमी से वह अपराधबोध की शिकार होती रहती है. इसके अलावा वह खुद के बारें में सोचना भी भूल जाती है. जबकि वर्किंग महिलाओं को सब काम एकसाथ करने के लिए अच्छी नींद और संतुलित पौष्टिक आहार बहुत जरुरी होता है. ये सही है कि लॉकडाउन की वजह से अभी माँ का बच्चे को लेकर चिंता में कमी आई है, क्योंकि अधिकतर वर्किंग माएं, बच्चे के साथ-साथ ऑफिस का काम भी घर सफलतापूर्वक कर पा रही है. आज जमाना बदला है, इसलिए महिलाओं की सोच भी बदली है. बिना शादी किये आज की महिला माँ बनना भी पसंद कर रही है. ऐसी ही बॉलीवुड की कुछ सेलेब्रिटीज जो बिना शादी किये माँ बनी और बच्चे के साथ खुश है. आइये जाने क्या कहती है सेलेब्रिटी माएं, जो इस लॉकडाउन में एक बार फिर बच्चे के साथ समय बिताने के अलावा उन्हें बढ़ते हुए देखना पसंद कर रही है.