लेखिका-सोनिया राणा
एक मां अपने बच्चे का गर्भधारण से ले कर जीवनपर्यंत उस का खयाल रखती है. उस के लिए क्या बेहतर है, किस खाने और शारीरिक ऐक्टिविटी से बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होगा से ले कर उस के भविष्य तक को ले कर एक मां ही है, जो सब से ज्यादा सोचती है.
ऐसे में जब कभी बच्चा बीमार हो जाए तो मां उस के ठीक होने के लिए क्या कुछ नहीं करती. एक मां की केयर में सब से पहले उस के बच्चे ही आते हैं. उस की कोशिश रहती है कि उस के बच्चे चिंतामुक्त हो खुशहाल और स्वस्थ जीवन बिताएं.
अगर ऐसे में हम कहें कि कोई है, जो दिनरात आप के बच्चे का खून चूस रहा है तो कैसे कोई मां चैन की नींद सो सकती है.
दरअसल, यहां बात जूंओं की हो रही है, जो स्कूल या पार्क में खेलखेल में मासूम बच्चों के बालों में घुस कर उन के सिर से खून चूसती हैं, जिस से बच्चा खेल और पढ़ाई से हट कर हर वक्त सिर्फ सिर में खुजली कर के परेशान होता रहता है.
दरअसल, जूंओं की प्रकृति ऐसी होती है कि वे बहुत जल्दी बालों में गंदगी और पसीने से पैदा हो जाती हैं एकदूसरे की टोपी प्रयोग करना या फिर दूसरे का तकिया, कंघी या फिर तौलिया प्रयोग करने से फैल जाते हैं.
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यों करें जूंएं खत्म
अगर आप के बच्चे भी दोस्तों के साथ जूंएं साथ ले कर घर आएं तो आप को उन की दोस्ती खत्म करने के बजाय जूंओं को खत्म करने की जरूरत है. अब इस के बाद आप यह भी सोचेंगी कि कहीं बाजार में मिलने वाले जूंओं से छुटकारा दिलाने का वादा करने वाले प्रोडक्ट्स में मौजूद कैमिकल्स से आप के बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा? तो परेशान होने की जरूरत नहीं, बल्कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स को चुनने की जरूरत है, जो आप के बच्चे के लिए सेफ भी हों और जूंओं के लिए असरदार भी.