कॉमेडी के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली कॉमेडियन और सिंगर सुगंधा मिश्रा भोसले का जन्म पंजाब के जलंधर में हुआ है. बचपन से ही वह प्रतिभावान है और संगीत उन्हें विरासत में मिली है. ऐसदेखा गया है कि मनोरंजन की दुनिया में कामयाबी पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है,लेकिन सुगंधा को ये प्रसिद्धी प्रतिभा की वजह से मिली. उनके दादाजी उस्ताद आमिर खान के शागिर्द थे. केवल 4 वर्ष की उम्र से सुगंधा ने भी संगीत की तालीम लेनी शुरू कर दी थी. स्कूल कॉलेज के दौरान सुगंधा अपने मधुर स्वर से सबको परिचित कराया है और नेशनल लेवल की यूथ फेस्टिवल में संगीत और मिमिक्री की है. सुगंधा के कैरियर की शुरुआत रेडिओ जॉकी के रूप में हुई, इसके बाद उन्होंने जिंगल्स, भजन, डॉक्युमेंट्री और शार्ट फिल्मों में प्ले बैक सिंगर के रूप काम किया है, लेकिन उसे प्रसिद्धी ‘सारेगामा’ शो से मिली, जिसमें उन्होंने संगीत के साथ मिमिक्री और कॉमेडी की है. काम के दौरान उनकी मुलाकात कॉमेडियन और गायक डॉ. संकेत भोसले से हुई, प्यार हुआ और शादी की. जी टीवी पर जी कॉमेडी शो में उन्हें कॉमेडी करने का मौका मिला. जिससे वह बहुत खुश है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव की सुगंधा मिश्रा भोसले ने गृहशोभा के लिए खास बात की, जो रोचक थी.
सवाल-हँसना और हसाना दैनिक जीवन में कितना जरुरी है?
हँसना हमेशा से ही जरुरी है, क्योंकि बचपन से मैं सुनती आ रही हूं कि लाफ्टर ही सबसे बड़ी दवा है. लाफ्टर का महत्व पिछले दो सालों में सबको अधिक समझ में आया है. असल में लाफ्टर ही सबसे अच्छी दवा फिट रहने के लिए है. मेंटल हेल्थ और पेंडेमिक के दौरान कितनी दुखदायी बाते सुनी जा रही है, कितनों के परिजन बीमार है, तो कितनों ने अपनी प्रियजनों को खोया है. इसके अलावा लॉकडाउन में लोग घर पर कैद है, कुछ फॅमिली से दूर है, कही जाना आज संभव नहीं, इससे भी लोगों के मेंटल हेल्थ पर बहुत असर पड़ा है. लाइफ में अचानक आई ये बदलाव शॉक की तरह है. उसकी एक दवा हँसना ही है. इस लिए कॉमेडी शो से व्यक्ति अपने मानसिक तनाव को कुछ कम कर सकते है.