मुंबई की एक फ़्लैट में रहने वाली 55 वर्षीय मधु टाइप 2 डायबिटीज और ब्लडप्रेशर से पीड़ित है, उन्हें दवा लेनी पड़ती है. इसलिए वह वैक्सीन लेना नहीं चाहती, क्योंकि वह बाहर नहीं निकलती और उनके किसी रिश्तेदार ने वैक्सीन लेने के दो दिन बाद कोविड 19 से पीड़ित हुई और इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. मधु को लगता है कि उनके रिश्तेदार की मत्यु वैक्सीन लगाने से हुई है. इसलिए वह वैक्सीन नहीं लगाएगी , जबकि वैक्सीन से किसी की मौत नहीं हो सकती, क्योंकि ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और 18 वर्ष से ऊपर सभी वयस्कों के लिए ये वैक्सीन सुरक्षित है.
इस बारें में शांति पवन मल्टीस्पेशलिटी केयर के एम डी डॉ. रितेश कुमार अगरवाला कहते है कि टाइप 1 और टाइप 2 वाले मधुमेह रोगियों के लिए टीका लगवाने के फायदे, टीका न लगवाने से उत्पन्न रिस्क के मुकाबले कहीं अधिक होते है .मधुमेह रोगियों को कोविड-19 होने से कोविड के अलावा कई अन्य गंभीर बीमारियाँ दिखने लग जाती हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि वैक्सीन की बारी आते ही जल्द से जल्द कोरोना वायरस का टीका लगवाए . असल में कोरोना वायरस का टीका आपको कोरोना वायरस से जुड़ी गंभीर बिमारियों से बचाने में सहायक होती है. कोरोना वायरस के टीके कोविड-19 की संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है, इसलिए टीका लगवाने के बाद होने वाली समस्या के बारें में न सोचे, क्योंकि जब तक सभी लोग वैक्सीन नहीं लगवाते, कोविड को म्यूटेंट होने से रोकना मुश्किल है, क्योंकि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाया है, कोविड के वायरस उनके शरीर में प्रवेश कर अपना रूप बदलती है. जबकि वैक्सीन हमेशा वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को बढ़ाने में सक्षम होती है.
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