ढोलक पर बन्नाबन्नी गाते सब के बीच बैठी माला कोने में 20 वर्षीय भांजी रुचि की फुसफुसाहट सुनते ही तिलमिला उठी. वह तुरंत उठी और दुकान से सटे कमरे में जा कर देखा तो उस की 8 वर्षीय बेटी परी जेठानी के पिता की गोदी में बैठी थी और जिस तरह से कहानी सुनाते उन के हाथ उस मासूम के कोमल अंगों को छू रहे थे, माला की आंखों में खून उतर आया. उस की पिता की उम्र के उस व्यक्ति की नापाक हरकत कतई माफी योग्य नहीं थी. उस का जी चाहा कि बेटी के साथ ऐसा घिनौना खिलवाड़ करने वाले का मुंह नोच ले, पर समझदार माला शादी जैसे मौके पर रंग में भंग नहीं डालना चाहती थी.

वैसे भी मिनी उस की प्रिय भतीजी थी और उसी की शादी अटेंड करने वह इंदौर से इटावा अपने पति और बेटी के साथ आई थी. इसलिए जैसेतैसे अपनेआप को नियंत्रित कर उस ने तेज आवाज में बेटी को आवाज दी, “चलो, परी खेल हो चुका. अब आओ, हाथमुंह धुला कर तुम्हें तैयार कर दूं.”

मां की आवाज सुनते ही परी भाग कर आई और उस के पैरों से लिपट गई. तभी जेठानी के पिता की आंखें माला से जा मिलीं. उस की आंखों में घृणा मिश्रित क्रोध देख वे थोड़ा सकपकाते हुए बोले, "बच्चों ने जिद की तो उन्हें कहानी सुना रहा था."

'छि: कैसा बेशर्म इनसान है. रंगेहाथों पकड़े जाने पर भी वह बातें बना रहा है,' माला उस के दुस्साहस पर हैरान थी. इस तरह अपनों की भीड़ में कोई व्यक्ति वो भी पिता जैसे सम्मानित ओहदे वाला ऐसी नीच हरकत करेगा, उस ने सपने में भी नहीं सोचा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...