मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी कर के मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करने की चाह रखने वाली पूजा अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए अभिनय क्षेत्र में आईं. अब वे अपने काम को ऐंजौय कर रही हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:
मां के सपने ने बनाया अभिनेत्री
मेरी मां को अभिनय में बहुत रुचि थी और वे चाहती थीं कि मैं ऐक्टिंग में आऊं लेकिन मेरी इच्छा थी कि मैं एमबीए कर के किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करूं.
मैं पुणे में पढ़ाई कर रही थी लेकिन मां की इच्छा की वजह से औडिशन के लिए मुंबई आतीजाती रहती थी. बिना किसी योजना मैं ने काफी पहले स्टार प्लस में औडिशन दिया था और अचानक एक दिन मुझे ‘दीया और बाती हम’ में एमिली की भूमिका के लिए बुलाया गया.
मैं इतना ही कह सकती हूं कि यह सब बिना किसी योजना के होता चला गया.
खूबसूरती का फंडा
मेरे केश लंबे हैं और मुझे बहुत पसंद हैं. मैं इन्हें नैचुरल रखना पसंद करती हूं. फिर एमिली की भूमिका के लिए भी मुझे अपने केश पूरे रखने थे. मैं जैल या हेयरस्प्रे इस्तेमाल नहीं करती, बल्कि मैं अपने केशों में नियमित तौर पर तेल लगाती हूं, धोती हूं और कंडीशनिंग करती हूं.
मेकअप उतारने और सोने जाने से पहले मैं अपने चेहरे पर बेबी औयल लगाती हूं. उसे अच्छी तरह मौइश्चराइज करती हूं और खूब सारा पानी पीती हूं.
खुशनुमा पल
जब मैं ‘दीया और बाती हम’ में आई तो यह पहले से ही नं. 1 पर था. फिर भी मैं ने इस में अपनी अलग पहचान बनाई जो मेरे खुशनुमा पलों में से एक है.
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