विशाल की बातें सुन कर मीनाक्षी अपने सुरक्षित एवं सुखद भविष्य की कल्पना करने लगी थी. उसे लगा कि अब अपनी पुरानी घिनौनी जिंदगी से उसे छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन वह खुद के गिरेबां में कहां झांक रही थी, उसे अपनी गलतियों का एहसास ही नहीं था. फिर एक दिन...