आजकल पैडिक्योर की एक नई तकनीक फिश पैडिक्योर चलन में है, जो बेहद प्रभावशाली और उपयोगी साबित हो रही है. सौंदर्य विशेषज्ञों ने नएनए संशोधन कर के अलगअलग प्रकार की बहुत सी सौंदर्य तकनीकें ईजाद की हैं. उन्हीं में से एक है फिश पैडिक्योर. वैसे तो पैडिक्योर कराना प्राचीन काल से चला आ रहा है. रानियों और राजकुमारियों से ले कर पुरानी फिल्म अभिनेत्रियां तक सभी पैडिक्योर कराती आई हैं. लेकिन उस में हर बार कुछ न कुछ नया संशोधन किया गया और अब नया संशोधन फिश पैडिक्योर ही है.

इस की प्रक्रिया

फिश पैडिक्योर के लिए डाक्टर फिश नाम की मछलियां इस्तेमाल में लाई जाती हैं. इन मछलियों को कुनकुने पानी में छोड़ कर उस में पैर डुबोए जाते हैं. इन मछलियों के दांत नहीं होते, लेकिन इन के मसूड़े बहुत सख्त होते हैं, जिस से ये पैरों की मृत और खराब त्वचा को कुतरती हैं. आधे घंटे के इस उपचार में ये मछलियां लगातार पैरों की मृत त्वचा को कुतरकुतर कर खाती रहती हैं. यह प्रक्रिया वेदनारहित और बेहद मजेदार होती है. इस से बहुत कम समय में ही हमारे पैर नर्म और मुलायम दिखने लगते हैं. उस के बाद की प्रक्रिया सामान्य पैडिक्योर जैसी ही होती है, लेकिन यहां पानी में से पैर निकालने के बाद प्यूमिक स्टोन या फुट ब्रश से पैर घिसने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि डाक्टर फिश पहले ही पैरों पर स्थित मृत त्वचा निकाल देती है. पानी में से पैर निकालने के बाद आगे की प्रक्रिया में पैरों की मौइश्चराइजर या कोई अच्छी क्वालिटी की क्रीम लगा कर मालिश करते हैं और फिर नाखूनों को शेप देते हैं. यह सारी प्रक्रिया सामान्य पैडिक्योर जैसी ही होती है.

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