”मेरा शहर मेरा इतिहास” कार्यक्रम का आयोजन इतिहास संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश पर्यटन के सहयोग से किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति, उत्तर प्रदेश तथा श्री अश्विनी कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव, पर्यटन, उत्तर प्रदेश की उपस्थिति में रेजीडेन्सी परिसर, लखनऊ में किया गया.
इस कार्यक्रम में लखनऊ के 10 प्रमुख विद्यालयों के छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी और गोरखपुर में भी किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों एवं विरासतों के बारे में आज की युवा पीढ़ी को जागरूक किया जा सकेंगे तथा ऐसे धरोहरों के रख-रखाव हेतु प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित किए जा सकेंगे .
उत्तर प्रदेश पर्यटन के प्रमुख सचिव श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने छात्रों को संबोधित करते हुए विभिन्न प्रकार के पर्यटनों के बारे में उनको जानकारी दी. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रदेश के विरासत स्थलों का भ्रमण करने एवं उनसे जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में जानने तथा उनसे सीख लेने का आग्रह किया. यह कार्यक्रम युवाओं मे रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया और युवा पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा.
इतिहास, एक शैक्षिक संस्था है, जो कि देश की विरासतों के बारे में विद्यार्थियो एवं आम जनमानस को जागरूक करने का कार्य करते है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पर्यटन के सहयोग से लखनऊ में रेजीडेंसी परिसर में “मेरा शहर मेरा इतिहास” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया.
इतिहास की संस्थापक-निदेशक सुश्री स्मिता वत्स ने “मेरा शहर मेरा इतिहास” कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में अपने शहर के संबंध में गर्व की भावना पैदा करना था. इसके साथ ही साथ धरोहरों से जुड़ेंगे, इतिहास तथा वास्तुकला के माध्यम से गणित जैसे विषयों को सीखने का था.
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को ऐसे स्मारकों और ऐतिहासिक रत्नों को देखने और उनकी सराहना करने के लिए तैयार किया गया है, जो उन शहरों में विराजमान है. लखनऊ शहर के 10% से भी कम छात्रों ने बताया कि रेजीडेंसी की यह उनकी पहली यात्रा थी.
लखनऊ में 15 दिवसीय कार्यक्रम की संरचना विद्यालय में एक ओरियन्टेशन सत्र के साथ शुरू हुई, जिसके बाद बच्चों ने “एक नारा” लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया, जो उनके शहर और स्थायी पर्यटन पर केंद्रित था. यह एक अनुभवात्मक शिक्षण मॉड्यूल के साथ समाप्त होता है. इस क्रम में 3 अगस्त को रेजीडेंसी और 4 अगस्त को जरनैल कोठी का भ्रमण करेगें, जहां बच्चे इन स्मारकों के महत्व के बारे में सीखेगें.