पुनीत पटना इंजीनियरिंग कालेज में प्रीफाइनल ईयर में पढ़ रहा था. उस का भाई प्रेम इंजीनियरिंग कर 2 साल पहले अमेरिका नौकरी करने गया था. उस के पिता सरकारी नौकरी में थे. वह साइकिल से ही कालेज जाया करता था. एक दिन जाड़े के मौसम में वह कालेज जा रहा था. उस दिन उस का एग्जाम था. अचानक उस की साइकिल की चेन टूट गई. ठंड में इतनी सुबह कोई साइकिल रिपेयर की दुकान भी नहीं खुली थी और न ही कोई अन्य सवारी जल्दी मिलने की उम्मीद थी. उस के पास समय  भी बहुत कम बचा था. कालेज अभी  3 किलोमीटर दूर था. वह परेशान रोड पर खड़ा था. तभी एक लड़की स्कूटी से आई और बोली, ‘‘मे आई हैल्प यू?’’

पुनीत ने अपनी परेशानी का कारण बताया. लड़की स्कूटी पर बैठ गई और पुनीत से बोली ‘‘आप साइकिल पर बैठ जाएं और मेरे कंधे को पकड़ लें. बिना पैडल किए मेरे साथ कुछ दूर चलें. मेरा कालेज आधा किलोमीटर पर है. उस के बाद मैं आप को इंजीनियरिंग कालेज तक छोड़ दूंगी.’’

थोड़ी दूर पर मगध महिला कालेज के गेट पर उस ने दरबान को साइकिल रिपेयर करवाने के लिए बोल कर पुनीत से कहा, ‘‘आप मेरी स्कूटी पर बैठ जाएं, मैं आप को ड्रौप कर देती हूं. कालेज से लौटते वक्त अपनी साइकिल दरबान से ले लेना. हां, उसे रिपेयर के पैसे देना न भूलना.’’

उस लड़की ने पुनीत को कालेज ड्रौप कर दिया. पुनीत ने कहा ‘‘थैंक्स, मिस... क्या नाम...?’’

लड़की बिना कुछ बोले चली गई. कुछ दिनों बाद पुनीत कालेज से लौटते समय सोडा फाउंटेशन रैस्टोरैंट में एक किनारे टेबल पर बैठा था. पुनीत लौन में जिस टेबल पर बैठा था उस पर सिर्फ 2 कुरसियां ही थीं. दूसरी कुरसी खाली थी. बाकी सारी टेबलें भरी थीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 24 प्रिंट मैगजीन
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...