शादी के बाद अगर पत्नी को घर में घुटन होने लगे और पति को एहसास न हो या कुछ न करे तो पत्नी के पास सिवाए बिमार पडऩे के कोई छुटकारा का उपाय नहीं रहता. जिन घरों में पतिपत्नी के प्रति बेहद बेरुखी अपनाता है वहां औरतें तनाव में रहती हैं, उन्हें बारबार डाक्टरों के पास जाना पड़ता है, पतिपत्नी में लड़ाई होती है, और अन्य कोई विकल्प न होने की वजह से पत्नी का घर जेल लगने लगता है.

यह स्थिति खतरनाक होती है. कम संख्या में औरतें इस तरह के घुटन के लक्षण दिखाती है पर कितनों के होते होंगे इस का कुछ कहना आसान नहीं है.

इस का एक  बड़ा कारण है कि जब से परिवार छोटे हुए हैं, चाचा, ताऊ, मौसा, मामा नहीं रहने लगे हैं विवाहित औरतों को अनजानी लगती किट्टी फ्रैंड्स के अलावा किसी से संपर्क नहीं रहता. व्हाट्सएप और फेसबुक हैं पर उस पर अपना दर्द नहीं जाहिर कर सकते. किसी भी समस्या को हल करने का उपाय क्याक्या हो सकता है, यह ज्यादातर को मालूम ही नहीं होता.

अब बौडी शेङ्क्षपग के लिए जिम हैं. चेहरे की चमक के लिए पालर हैं, ढलते बदन को दोबारा जबान करने के कोसमेटिक डाक्टर हैं पर मानसिक धावों को ठीक करने के जो थोड़ेबहुत विशेषज्ञ हैं, वे अधकचरे हैं. वैसे भी वे केवल आप की बात सुन सकते हैं. कोई सलाह दे पाएं, कोई बना बनाया फार्मूला पकड़ा दें, यह संभव नहीं है.

जीवन जीने का पाठ असल में बचपन से सीखना होता है पर आज के कंपीटीशन वल्र्ड में दूसरे से बेहतर बनने के चक्कर में दूसरे से सीखने का रिवाज खत्म हो गया है. मातापिता बस घर और पैसा देने वाले एटीएम बन कर रह गए हैं. दोस्त लायक नहीं. वैसे भी वे खुद नहीं जानने कि क्या करना चाहिए क्योंकि पिछले 60-70 सालों से जीवन शिक्षा के नाम पर सिर्फ पूजापाठ करना सिखाया जा रहा है. लोग तो पर्यटन पर कम तीथ पर ज्यादा जाते हैं.

जीवन ली….. सैट की तरह होता है जिस में हजारों टुकड़े लगे होते हैं. उस की स्टेबिलिटी कहीं भी कोई खराब पति बिगाड़ सकता है. उस की जानकारी पहले से होनी जरूरी है पर उस की शिक्षा न किताबों से मिल रही है, न फिल्मों से, न पड़ोसियों से, न रिश्तेदारों से. दोस्त भी ईष्र्यालु हैं. तो कहां जाए. घुटें और सहें. इस का जो परिणाम हो रहा है वह अब दिख रहा है.

देश की उत्पादकता घट रही है. हम विभाजित हुए जा रहे हैं. अदालतों में मामले भर रहे हैं. पुलिस को बेबात के मामलों में पूनावाला और श्रद्धा जैसे मामलों में उलझाना पड़ रहा है. जो श्रद्धा के साथ हुआ किसी भी पत्नी के साथ हो सकता है हो रहा है, यह भी सब को मालूम है, पर ज्यादातर घावों को छिपाते घूमते है क्योंकि लोग, समाज, सरकार घाव पर मजाक उड़ाते है. मरहम नहीं लगाते, घाव न हो उस का पाठ नहीं पढ़ाते.

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