आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सब कुछ मशीनी होता जा रहा है. जहां न धूप से वास्ता रहा, न खुली हवा से आधुनिक फास्ट फूड से लैस खानपान, टीवी, कंप्यूटर के आगे घंटों बैठे रहना यानी सुबह से रात तक स्ट्रैस भरी लाइफ. प्रदूषणरहित, शांत वातावरण तो जैसे कहीं खो सा गया है. ऐसे में मिल जाएं तनावरहित फुरसत के कुछ पल, जो आप को रिलैक्स करने के साथसाथ अगर फिटनैस और खूबसूरती दे सकें तो कहना ही क्या.

सोना बाथ

लुक गुड, लूज वेट ऐंड फील ग्रेट’ के सिद्धांत पर आधारित सोना बाथ धूल व धुएं से युक्त प्रदूषित वातावरण के दुष्प्रभावों को दूर कर के तनावपूर्ण जिंदगी से टौक्ंिसस को निकाल कर शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाता है और शरीर की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है. ‘सोना’ एक फिनिश शब्द है, जिस का अर्थ है- एक ऐसा कमरा जिस में गरम चट्टानों पर फव्वारों द्वारा पानी डाला जाता है, जिस से कमरे में भाप पैदा होती है. कमरे में अपनी जरूरत के अनुसार तापमान को कम या अधिक किया जा सकता है. सोना बाथ का प्रयोग रिलैक्सेशन के अलावा औषधीय रूप में भी किया जाता है. सोना बाथ त्वचा के रोमछिद्रों को खोल कर शरीर के टौक्सिंस को निकाल कर शरीर में रक्तसंचार को बेहतर और त्वचा को स्वस्थ व चमकदार बनाता है. त्वचा की मृतकोशिकाओं को हटा कर तन को अधिक युवा दिखाने में मदद करता है.

वैट सोना बाथ

इस में स्टीमरूम में ड्राई सोना बाथ के मुकाबले लो टैंपरेचर होता है. इस में तापमान (110-115 डिग्री) फैरनहाइट या (37-40 डिग्री) सेल्सियस होता है. यह त्वचा को अधिक गरम पानी से झुलसने से बचाता है.

ड्राई सोना

इस में तापमान अपेक्षाकृत अधिक होता है.

सोना रूम

फिक्स्ड सोना बाथ रूम सर्वोत्तम रहता है. इस सब से अच्छी क्वालिटी के पाइनवुड का प्रयोग किया जाता है. इस के वुडपैनल में टंग व ग्रूव जौइंट्स होते हैं, जो एक्सपैंशन व कौंटै्रक्शन का ध्यान रखते हैं. सोना रूम की एक्सैसरीज में सैंड टाइमर, वाटरकिट, लैडल, हीटर गार्ड, टौवल रैक्स, रोवहुक्स, हैडरैस्ट व लाइट कवर पाइनवुड के बने स्पीकर बौक्स होते हैं. सोना बाथ ट्रीटमैंट माइंड व बौडी दोनों के लिए रिलैक्सिंग व पैंपरिंग करने वाला है, यह मानना है ब्यूटी एक्सपर्टों का. उन का मानना है कि सोना बाथ में शरीर से पसीना निकलता है और त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं, जिस से त्वचा की डीप क्लींजिंग व टोनिंग होती है. आजकल अधिकांश हैल्थ स्पा, जिम व हैल्थ क्लब स्टीम बाथ, फ्लोरल बाथ, अरौमैटिक बाथ, जकुजी बाथ की सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं. त्वचा शरीर का सब से विस्तृत अंग है और आज के प्रदूषित वातावरण में फिजिकल ऐक्टीविटी न के बराबर है, जहां त्वचा अनेक प्रकार के कैमिकल, डिटरजेंट, साबुन, परफ्यूम, डियोड्रैंट, धूलमिट्टी आदि से प्रभावित होती है, ऐसे में सोना बाथ तनमन दोनों पर रिलैक्सिंग व सूदिंग प्रभाव डालता है. यह टौक्सिंस को निकाल कर फैट कम करने में सहायक होता है, 15-20 मिनट के एक सैशन में 200-400 कैलोरी खर्च होती है, जो 1-2 घंटों की वाकिंग के बराबर होती है. एक बार का सोना बाथ आप को लंबे समय तक फ्रैश व रिलैक्स रखता है.

स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद

सोना बाथ मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में भी लाभप्रद सिद्ध होता है, क्योंकि गरम भाप से रक्तसंचार बढ़ता है और शरीर की मांसपेशियां तनावरहित होती हैं. सोना बाथ उन लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है, जिन्हें अनिद्रा की शिकायत होती है. सोना बाथ रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में भी लाभदायक सिद्ध होता है. जब हमारे शरीर का तापमान बढ़ता है तब सोना बाथ से हमारे शरीर के वायरस व बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और हमें कोल्ड साइनैसिस, ब्रौंकाइटिस व लारेनगाइटिस जैसी बीमारियों से भी नजात मिलती है. कुछ लोगों के लिए सोना बाथ जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होता है, वहीं कुछ लोग सोना बाथ का प्रयोग मानसिक शांति व खूबसूरती के लिए भी करते हैं. 

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