पतिपत्नी जब एकदूसरे के करीब आते हैं, तो उन के बीच दूरी नहीं रह जाती. प्यार करते हुए उन की सांसें एकदूसरे से टकराती हैं. लेकिन ऐसे में यदि किसी एक की सांसों से बदबू आती हो, तो क्या होता है? इस अनोखी समस्या को ले कर एक सर्वेक्षण किया गया, जिस में पता चला कि कुछ पत्नियां अपने पति की सांसों से आने वाली बदबू से परेशान रहती हैं, लेकिन उन के पति इस के बारे में कभी कुछ नहीं सोचते. ऐसी पत्नियों का यह कहना था कि उन के पति जब उन्हें प्यार करते हैं, तो वे इस बदबू से परेशान हो उठती हैं, लेकिन समस्या यह है कि उस समय पति को रोकना बहुत मुश्किल होता है. पश्चिमी देशों में तो चुंबन का रिवाज बहुत ज्यादा है. ऐसे में महिलाओं के लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. इस सर्वेक्षण में 20 से 50 वर्ष तक की महिलाओं से जब यह पूछा गया कि उन के पति जब उन्हें प्यार करते हैं, तो क्या उन्हें बदबू आती है? तो उन में से 83% ने कहा कि उन्हें बदबू आती है. मगर जब यही सवाल उन के पतियों से पूछा गया, तो उन का कहना था कि उन्हें ऐसी कोई समस्या नहीं है और उन्होंने इस के बारे में कभी सोचा ही नहीं है.
क्या होता है
मनोज और दीपिका पतिपत्नी हैं. नाजुक क्षणों में जब मनोज अपनी पत्नी का चुंबन लेता है या उस के साथ सहवास करता है, तो वह जल्दी से जल्दी उस से पीछा छुड़ाना चाहती है. उन की यह प्रेमक्रीडा एकतरफा ही होती है. पति की सांसों की बदबू उसे असहनीय लगती है. रोहित और उर्वशी अच्छे दोस्त हैं. उर्वशी रोहित से व्यक्तिगत रूप से मिल कर बात करने के बजाय मोबाइल पर बातचीत करना अधिक पसंद करती है. जब कभी उन्हें रूबरू हो कर बतियाने का मौका मिलता है, तो उर्वशी जल्दी से जल्दी बात खत्म करना चाहती है. रोहित आज तक नहीं समझ पाया कि वह ऐसा क्यों करती है. उर्वशी कैसे कहे कि उस के मुंह से बदबू आती है. लक्ष्मी एक दफ्तर में काम करती है. दफ्तर की अन्य महिलाकर्मी उस से बात करने से कतराती हैं. वे खुद तो उस के पास बात करने जाती ही नहीं, क्योंकि सभी जानती हैं कि उस के मुंह से दुर्गंध आती है.
मुंह खोलने से डरते लोग
ऐसे अनेक लोग हैं, जो यह जान ही नहीं पाते कि ऐसा उन की मुंह की दुर्गंध या सांसों की बदबू के कारण हो रहा है. यह एक ऐसी गंध है, जिस का एहसास गंध छोड़ने वाले व्यक्ति को भले ही न हो, लेकिन सामने वाले के लिए उस के सामने 2 पल खड़े रहना और बात करना दुश्वार हो जाता है. सोसायटी ऐटीकेट्स में सांसों से बदबू आना बहुत बुरी बात मानी जाती है. जब आप लोगों के बीच हों और आप के मुंह खोलते ही बदबू का भभका छूटने लगे, तो आप की छवि पल भर में धूमिल हो जाती है. आमतौर पर लोग इतने मुंहफट नहीं होते कि वे सामने वाले से यह कह सकें कि उस के मुंह से बदबू आ रही है. रिश्तों की अहमियत और सामने वाले को बुरा लगने के भय की वजह से लोग अपने मन की बात जबान पर नहीं लाते. इस कारण व्यक्ति यह जान ही नहीं पाता कि उस के मुंह से बदबू आ रही है.
मुंह से कई तरह की दुर्गंध आ सकती है. जैसे, धूम्रपान करने यानी बीड़ीसिगरेट पीने और तंबाकू का सेवन करने से उपजी गंध. इसी प्रकार शराब पीने पर भी मुंह से बदबू आती है और मुंह खोलते ही सारा वातावरण दूषित हो जाता है. इन के अलावा कुछ गंध ऐसी होती हैं, जिन्हें बताया नहीं जा सकता, लेकिन वे असहनीय होती हैं. दांतों और मसूढ़ों से जुड़ी बीमारियां भी मुंह की दुर्गंध का एक बड़ा कारण हैं. पायरिया नामक रोग में मुंह से भयंकर बदबू आती है. यह सब दांतों की ठीक से सफाई न करने अथवा आड़ेतिरछे दांतों में भोजन के कण फंसे रह जाने की वजह से होता है. कई बार हमारे खानपान, जैसे प्याजलहसुन का अधिक सेवन करने की वजह से सांसों से बदबू आती है. दरअसल, इन में सल्फर कंपोनैंट अधिक होता है, जो दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ाता है. डेरी उत्पाद भी सांस में दुर्गंध को पैदा करते हैं. चायकौफी और सिट्रस जूस की वजह से भी सांसों में दुर्गंध आती है. ऐसा इन में ऐसिडिक कंपोनैंट होने की वजह से होता है. यदि भोजन के बाद ब्रश या कुल्ले न किए जाएं तो दांतों में फंसे अन्नकण सड़ कर बदबू फैलाते हैं, इसलिए कुछ भी खाने के बाद कम से कम ठीक से कुल्ला करने की आदत अवश्य होनी चाहिए. ब्रश कर सकें तो बहुत अच्छा. वैसे सुबह उठने के पश्चात और रात को सोने से पहले ब्रश अवश्य करना चाहिए. दरअसल, हमारे मुंह में दांत, जीभ, मसूढ़े आदि में फंसे अन्नकण सड़ कर एक प्रकार की गैस बनाते हैं, जो सांस लेते समय या मुंह खोलते ही फैलती है. वैसे तो हमारी लार में जीवाणुनाशक क्षमता होती है, लेकिन लार के कम बनने या सूखने के कारण ये जीवाणु अपना प्रभाव दिखाते हैं. सोते समय तो इन्हें पनपने का भरपूर अवसर मिलता है.
क्या करें
यदि आप को दांतों या मसूढ़ों से संबंधित कोई समस्या है, तो इस के लिए दंतचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. वह आप को इस समस्या से नजात दिलाएगा. वैसे कुछ माउथवाश और लोशन ऐसे आते हैं, जिन से कुल्ला करने पर काफी देर तक मुंह से बदबू नहीं आती. मुंह की दुर्गंध दूर करने का दावा करने वाले अनेक टूथपेस्ट और दंतमंजन आते हैं, लेकिन इन में कोई चमत्कारिक गुण नहीं होता. यदि आप बिना टूथपेस्ट के साधारण रूप से भी ब्रश करेंगे, तो भी दांतों में फंसे अन्नकण निकल जाएंगे. इसलिए किसी ब्रैंड विशेष के पीछे न भागें. माउथ फ्रैशनर का इस्तेमाल करने से भी ताजगी का एहसास हो सकता है. इस के अलावा मुंह की दुर्गंध से बचने के लिए दिन में कई बार कुल्ला करते हुए पानी पिएं ताकि लार गं्रथियां सक्रिय हो जाएं. दांतों के साथसाथ अपनी जीभ को भी साफ रखना जरूरी है. यदि धूम्रपान, तंबाकू, शराब आदि को छोड़ सकें, तो इस से उत्पन्न मुंह की दुर्गंध से नजात पाई जा सकती है और फिर ये सेहत के लिए भी ठीक नहीं. इन का सेवन कर के आप अपने ही लोगों को अपने से दूर करते हैं.