लार्जस्कैल जुए को लैजिटिमैसी देने के लिए खेले जाने वाले क्रिकेट के इंडियन प्रीमियर लीग में देश की बहुत रूचि रहती है. कुछ तो इसे टैलीविजन पर तमाशा मान कर चलते हैं और 10 टीमों में से किसी एक को अपनी टीम का उन की जीत पर लड्डू बांटते हैं और हार पर मुंह लटका कर हाथ का पिज्जा स्लाइस और हार्डङ्क्षड्रक का गिलास फैंक देते हैं. पर उन से ज्यादा वे है जो हर बौल, हर विकेट और हर रन पर बैट लगाते हैं और इस जुएं में सैंकड़ोंहजारों करोड़ दुनियाभर में लगते हैं. इन का आयोजन करने वाली कोई और द बोर्ड औफ कंट्रोल फौर क्रिकेट इन इंडिया जिस के मुखिया गृहमंत्री अमित शाह के टेलैंटेड बेटे जय शाह की सालाना आय करोड़ों रुपए है, जिस पर टैक्स भी नहीं देना पड़ता.

इस बार एक तमाशा और हुआ जिस में शायद किसी ने जुआ में पैसा नहीं लागया था. वह था आईपीएल में फाइनल जीतने पर रङ्क्षवद्र जडेजा का मैदान में साड़ी पहन कर भाग कर उस की पत्नी रिवाबा जडेजा का आना और उस समय पैर छूना जब सैकड़ों कैमरे पलपल कैच कर रहे थे.

उस के बाद जहां भक्त टाइप के लोगों ने जम कर हिंदू संस्कृति का ढोल बजाया, उदारवादी लोगों ने इसे रिग्रैसिव कदम बताया जिस में पति को परमेश्वर मानने की झूठ औरतों के मन में ठूंस रखी है. यदि प्लांल्ड था, ऐसा नहीं लगता पर यह पक्का औरतों को एक कदम पीछे तो ले जाने वाला है. यह उस गुलामी की सोच की जीतीजागती तस्वीर है जिस में पति ही नहीं कितनों के पैर छूने की बनावटी परंपरा को आदर्श और संस्कार ही नहीं अनुशासन माना जाता है.

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