सचाई के धरातल पर कदम पड़ते ही रेखा तारतार हो गई, क्योंकि एक तरफ कैरियर था तो दूसरी तरफ प्यार. कब दुविधा में कटी रात, उसे भान तब हुआ जब एक चंचल किरण ने उसे आ छेड़ा...