ब्यूटी आउटर नहीं होती, अंदर से आती है, जो रंग रूप नहीं, बल्कि स्वभाव, बातचीत का तरीका, जो सबका दिल जीत सके, काइंड हार्टेड हो, सबको सम्मान दे सकें आदि जरुरी है, कहती है 18 वर्ष की सुंदरी स्वीज़ल मारिया फुर्टार्डो ने साउथ अमेरिका के पेरू में हुए मिस टीन यूनिवर्सल 2023 ‘मिस टीन इंटरनेशनल प्रिंसेस’ का ख़िताब जीतकर इंडिया को गर्वान्वित किया है.

इसमें 14 देशों की सुंदरियों ने भाग लिया था, जिसमे जीत हासिल करना आसान नहीं था. इसके अलावा उन्होंने ‘मिस टीन यूनिवर्सल’ और ‘बेस्ट कॉस्टयूम अवार्ड’ के टाइटल को भी जीता है. स्वीज़ल को डांस, पेंटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट पसंद करती है. उसे फैशन मेनिया है और हर तरह के नए सुंदर कपड़ों को पहनना पसंद करती है. वह फूडी है, उसे दाल, चावल और फिश फ्राई पसंद है, लेकिन मुंबई की पांव भाजी उसे बहुत पसंद है.

अपने अनुभव को शेयर करती हुई स्वीज़ल कहती है कि मैं इस कॉम्पिटिशन के लिए पेरू गयी थी, वहां मैं कोलंबिया की एक प्रतियोगी से मिली, जहाँ उन्होंने कोलंबिया की कल्चर के बारें में बात की. वहां से लाई कॉफ़ी बीन्स का सेवन किया, ये मेरे लिए बहुत ही सुंदर अवसर था, जहाँ मुझे अलग-अलग देशों से आये सभी से मिलने और उनके खान-पान रहन-सहन के बारें में जानकारी मिली, जिसे मैंने एन्जॉय किया है.

खूबसूरत और हंसमुख स्वीज़ल कर्नाटक के बेंगलुरु की रहने वाली है. ब्यूटी पीजेंट की दुनिया में आने से पहले उन्होंने फैशन इंडस्ट्री में कदम रखा और वर्ष 2021 में बेंगलुरु में हुए इग्नाइट इंडिया मेराकी फैशन कम्पटीशन की विनर बनी. वहां उन्हें रियल खूबसूरती के लिए फ्रेश फेस ऑफ़ इग्नाइट इंडिया 2021 का ख़िताब मिला. इसके बाद दिल्ली में हुए स्टार एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन में भाग लिया, जहाँ वह मिस सुपर मॉडल इंडिया की सेकेण्ड रनर अप चुनी गई.

इसी जीत से उन्हें मिस टीन यूनिवर्सल में इंडिया 2023 में जाने की प्रेरणा मिली. स्वीज़ल ने इंटरनेशनल पेजेंट के लिए काफी मेहनत की है. आगे वह मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स में जाने की तैयारी कर रही है. साथ ही सेकेण्ड इयर कॉमर्स में ग्रेजुएशन कर रही है.

इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा के बारें में स्वीज़ल कहती है कि मैंने बचपन से ही ब्यूटी के क्षेत्र में जाने का सपना देखा है, जिसमे पेजेंट क्वीन बनने की मेरी इच्छा भी सालों से है. मैं जब तीसरी कक्षा में थी और फैशन कॉम्पिटिशन हुआ था, उस समय मुझे सुंदर पोशाक पहनकर रैंप पर चलना बहुत अच्छा लगा था. जब मैं 7वीं कक्षा में थी तो भी मैंने एक किड शो में भाग लिया और जीत गई, इससे मेरे अंदर प्रेरणा जगी और मुझे ये सब करना अच्छा लगने लगा था, लेकिन थोड़ी बड़ी होने पर मेरी पढाई अधिक हो गई और मैं कुछ समय तक पढ़ाई की ओर मन लगाई.

बोर्ड की परीक्षा के बाद मैंने मिस टीन इंडिया के लिए तैयारी की और मिस टीन इंडिया का ख़िताब मिला. मुझे पता चल गया कि मुझे रैंप पर चलना, अच्छे पोशाक पहनना, कैमरे के आगे आना, प्रश्न उत्तर का सेशंस फेस करना आदि सब पसंद है और मुझे इसी क्षेत्र में ही जाना चाहिए. इसके बाद से मैंने इस फील्ड को सीरियसली लेना शुरू किया और एक के बाद एक प्रतोयोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया. इंटरनेशनल लेवल पर इस ख़िताब को जीतना मेरे लिए एक प्राउड मोमेंट है, बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.

इसके आगे स्वीज़ल कहती है कि पहले के किसी भी प्रतियोगिता के लिए मैंने कभी ट्रेनिंग नहीं ली, पर इस इंटरनेशनल पेजेंट के लिए मैंने मुंबई जाकर ट्रेनिंग लिया. इसमें इतने लोगों के सामने बात करना यानि कम्युनिकेशन स्किल्स को बढ़ाना जरुरी था, जिसे मैंने रोज घंटों आईने के आगे खड़ी होकर प्रैक्टिस किया. इसके अलावा रैंप पर चलने का तरीका, कैमरा फेस करना, सुबह 6 बजे उठकर जिम जाकर फिटनेस ट्रेनिंग लेना, आदि कई किये है.

इस ट्रेनिंग के बाद मेरी जिंदगी काफी बदली है, पहले मैं एक नार्मल लड़की थी. अब मैं ग्रूम हो चुकी हूँ और इस अवार्ड के बाद लोग मुझे पहचानने लगे है, अधिक से अधिक लोग मुझे सोशल मीडिया पर फोलो कर रहे है, ये मुझे प्रसिद्धि देने के साथ-साथ, मेरी सोशल हेल्प को भी समझते है, जो मैं मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए करती हूँ.

स्वीज़ल का कहना है कि मैं आगे किसी बड़ी टाइटल को जीतना चाहती हूँ, मसलन मिस यूनिवर्स या मिस वर्ल्ड, जिसके लिए मेरी तैयारी जारी है. अगर मुझे कोई भी ख़िताब मिलता है, तो मैं अनाथ, मानसिक रूप से बीमार और गरीब बच्चों के लिए कुछ अच्छा करना चाहती हूँ, क्योंकि मुझे बच्चों से बहुत प्यार है. मैं ऐसे कई एनजीओज के साथ जुडी भी हुई हूँ, जो इन जरूरतमंद बच्चों के लिए काम करती है. इन छोटे बच्चों के लिए कुछ करना बहुत जरुरी है, क्योंकि उनकी ख़ुशी मेरी ख़ुशी है. मैं सभी से अपील करती हूँ कि जिसे भी समय मिले, इन बच्चों से मिलकर, उनके साथ समय बिताएं, ये समाज के लिए एक बड़ी सहयोग है.

मिस टीन स्वीज़ल को पारिवारिक सहयोग हमेशा मिला है, वह कहती है कि जब मैं छोटी थी, मैंने माँ से अपनी इच्छा बताई, तो उन्होंने बहुत सपोर्ट किया. मैं इसके लिए खुद को बहुत लकी मानती हूँ, क्योंकि उन्होंने हर समय मेरा साथ दिया है. वे अब मेरी कामयाबी से बहुत खुश है. मैं अपने पेरेंट्स की अकेली संतान हूँ.

फिल्मों में काम करने की इच्छा स्वीज़ल रखती है और हंसती हुई कहती है कि अगर मुझे किसी मीनिंग फुल स्क्रिप्ट में काम करने का मौका मिले तो मैं अवश्य हिंदी फिल्म में काम करना चाहती हूँ. मेरे हिसाब से फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, कोई भी क्षेत्र आसान नहीं होता, कही भी काम आसानी से नहीं मिलता, संघर्ष हमेशा चलता रहता है. सही मंच कहीं भी मिले, मुझे काम करने में ऐतराज नहीं. मेरा सभी टीनएज से मेसेज है कि जीवन में कोई भी काम आसान नहीं होता, कुछ भी जल्दी नहीं मिलता, हर क्षेत्र में कामयाबी के लिए मेहनत, लगन और धीरज की जरुरत होती है, कभी आलसी न बनें, क्योंकि अभी समय है, जब आप मेहनत से अपनी मंजिल पा सकते है.

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