अकसर हम सभी सुनते हैं कि खाना बनाना लड़कियों का काम है, लड़कों का नहीं, लेकिन खाना पकाना सिर्फ एक काम नहीं बल्कि एक कौशल है, जिसे कोई भी साख सकता है. लड़कों को इसे सीखना क्यों चाहिए और यह कितने काम आता है इस का अंदाजा भी उन्हें नहीं होता.

आइए, जानते हैं इस कौशल को सीख कर आप कितने फायदे में रह सकते हैं:

बराबरी का मामला है

अकसर घर वाले लड़कियों को खाना बनाने, किचन के काम सीखने की सलाह देते हैं, जबकि लड़के भी इस कार्य को बेहतर तरीके से कर सकते हैं. होटल, रेस्तरां में भी हमेशा लड़के ही शेफ की भूमिका में होते हैं. इसलिए यह टैग तो हट ही जाना चाहिए कि यह किस का काम है. इस के साथ ही जब हर बात में बराबरी होती है तो इस में भी बराबर का हक होना चाहिए.

बदलाव अच्छे हैं

घर में हमेशा मां, पत्नी या बहन ही खाना बनाती है. ऐसे में वे भी रोज खाना पका कर ऊब जाती हैं. अगर आप उन्हें अपने हाथ का खाना बना कर खिलाएंगे तो उन्हें भी अच्छा लगेगा. इसी के साथ अगर पूरा खाना नहीं बना रहे, तो उन के खाते समय रोटीपरांठे सेंक दें. आप को वे गरम खिलाती हैं तो आप का भी हक बनता है कि आप उन्हें भी गरम भोजन कराएं. इसलिए कुछ बदलाव लाएं और फिर घर के माहौल को महसूस करें. फर्क आप खुद पाएंगे.

निर्भरता होगी कम

लड़के खानेपीने को ले कर हमेशा निर्भर रहते हैं. फिर चाहे मां पड़ोस में गई हों या पत्नी मायके. ऐसे में खाना बनाना न आने पर दिक्कत आती है. इसलिए थोड़ाबहुत सीख कर दूसरों पर निर्भरता कम कर सकते हैं. इस के अलावा घर पर अकेले रहने पर दोस्तों को बुला कर पार्टी कर सकते हैं, जिस में आप अपने हाथ से बना खाना उन्हें परोस सकते हैं. इस से उन्हें भी साख मिलेगी और आप को खुशी.

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