इस दुनिया में सास से इतना डरने की क्या जरूरत है? आखिरकार वे भी तो कभी बहू थीं और बहू को भी देरसवेर सास तो बनना ही है. लेकिन ससुराल में अपना वर्चस्व कायम करना है तो सास को पटाना जरूरी है. इस के लिए घर की इस लाइफलाइन को सही ढंग से पकड़ना है, उस के हर उतारचढ़ाव पर नजर रखनी है और उस पर कितना दबाव डालना है इस का भी सहीसही अनुमान लगाना है. पेश हैं सास को पटाने के लिए आजमाए हुए कुछ नुसखे, जो एक बहू की जिंदगी को खुशियों से भर देंगे.
नुसखा नं. 1: आप सही कहती हैं सासू मौम. इस अद्वितीय मंत्र का जाप आप दिन में 10-15 बार करो. वे अगर दिन को रात कहें तो रात कहो. पर ध्यान रखो कि सास भी कभी बहू थी.
नुसखा नं. 2: चाणक्य नीति. सास का
मूड देख कर बात करो. अगर उन का मूड अच्छा है तो माने जाने की संभावना से अपने मन की बात कही जा सकती है. अगर वे मना कर दें तो तुरंत पलट जाओ, हां मम्मीजी, मैं भी यही सोच रही थी.
नुसखा नं. 3: भोली सूरत चालाक मूरत. सब से पहले इस में आप को करना यह है कि अपनेआप को ऐसा दिखाना है कि जैसे आप को कुछ आता ही नहीं है. सहीगलत की समझ ही नहीं है. एकदम भोंदू हैं आप. ऐसे लोगों को सिखाने में सिखाने वालों को बड़ा मजा आता है. यह तो सीखने वाला ही जानता है कि उस ने कितने घाट का पानी पिया है. सास अगर घर की प्रधानमंत्री हैं तो रहने दो. आप बस प्रैसिडैंट वाली कुरसी पर नजर रखो. इस बात को एक उदाहरण से समझे:
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