‘‘नई-नई दवाओं के आ जाने से बचने की संभावना में काफी सुधार हुआ है. मरीजों के पास अब कई विकल्प हैं. पहले जब मरीज मेरे पास कैंसर के कुछ खास स्टेज में आते थे तो उनके बचने की संभावना काफी कम होती थी, मैं पेलिएटिव केयर से शुरूआत किया करता था. लेकिन अब मैं उनसे कह सकता हूं कि इसके लिए दवा उपलब्ध है, जिससे मदद मिल सकती है.’’

-डॉ. चिराग देसाई

कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट एवं डायरेक्टर,

हीमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट क्लीनिक,

वेदांता, अहमदाबाद

ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी जंग है जिसका सामना कोई भी नहीं करना चाहता. इसके बावजूद ना जाने कितने लोगों को रोजाना इस समस्या का सामना करना पड़ता है. ब्रेस्ट कैंसर से जंग लड़ने वाले मरीजों को कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. कैंसर रिसर्च में हुई प्रगति ने इस बीमारी की बेहतर समझ, जांच की उन्नत तकनीक और इलाज के बेहतरीन विकल्पों के साथ उपचार की राह में क्रांति ला दी है. इस क्षेत्र में हुई प्रगति ने ना केवल ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने की क्षमता को मजबूत किया है और अनगिनत लोगों तथा उनके परिवारों को उम्मीद दी है, बल्कि उन्हें एक बेहतर जिंदगी जीने की ताकत भी दी है.

डॉ. चिराग देसाई, कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट एवं डायरेक्टर, हीमेटो ऑन्कोलॉजी क्लीनिक, वेदांता, अहमदाबाद का कहना है, ‘‘नई-नई दवाओं के आ जाने से बचने की संभावना में काफी सुधार हुआ है. मरीजों के पास अब कई विकल्प हैं. पहले जब मरीज मेरे पास कैंसर के कुछ खास स्टेज में आते थे तो उनके बचने की संभावना काफी कम होती थी, मैं पेलिएटिव केयर से शुरूआत किया करता था. लेकिन अब मैं उनसे कह सकता हूं कि इसके लिए दवा उपलब्ध है, जिससे मदद मिल सकती है.’’

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