दिल्ली में एक स्विस युवती की हत्या बहुत सारे सवाल खड़ा करती है. यह युवती स्विट्जरलैंड में हत्यारे गुरप्रीत सिंह से 3 साल पहले किसी एक पार्टी में मिली थी और उस के बाद उन में बातचीत होती रहती थी. गुरप्रीत के कहने पर ही लीना बर्जर दिल्ली आई जहां गुरप्रीत ने उस पर विवाह करने का दबाव बनाया. जब वह नहीं मानी तो उसे मार कर उस की लाश को एक सड़क के किनारे फेंक दिया गया.
पुलिस को जंजीरों से बंधी लाश की पहचान और मारने वालेको पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि बहुत कम सूत्र उपलब्ध थे. फिर भी उसे पकड़ लिया गया क्योंकि दिल्ली के सैकड़ों कैमरों में हरकोई कहीं न कहीं कैद हो ही जाता है.
आश्चर्य की बात यह है कि पश्चिमी देशों की पढ़ीलिखी, अपने पैरों पर खड़ी लड़कियों को यह क्या हो रहा है कि वे भारतीय युवाओं के पीछे भी चली आती हैं और भारत की गंदगी, बेईमानी, दोगलेपन को पहचान नहीं पातीं.
गुरुओं के जाल में फंसती हैं लड़कियां
हजारों युवतियां आज गुरुओं के आश्रमों में बसी हुई हैं और नाटक करती हैं कि उन्हें असल शांति यहीं मिल रही है. पश्चिमी देशों में भी हर तरह के गुरुओं ने डेरे जमा रखे हैं जहां वे युवतियों को आकर्षित कर लेते हैं और उन के पीछेपीछे उन के बौयफ्रैंड भी चले आते हैं. उन के पैसे भी लूट लिए जाते हैं और उन के तन का उपयोग भी करा जाता है. टूटे घरों से आ रही ये लड़कियां अपने मांबाप, परिवार से इतनी नाराज रहती हैं कि उन की अवहेलना करने में इन्हें कोई दर्द नहीं होता. कुछ लड़कियां तो बरसों अपने मांबाप, भाईबहन को पता तक नहीं बतातीं.
गोवा, धर्मशाला, जैसलमेर जैसी जगहों पर ऐसी लड़कियों की तादाद बढ़ रही है जो टूरिस्ट वीजा पर आती हैं और किसी लोकल से शादी कर के परमानैंट वीजा पा लेती हैं और फिर यहीं की हो कर रह जाती हैं क्योंकि उन्हें अपना अमीर, साफसुथरा देश नहीं भाता. भारतीय युवकों ने यह भांप लिया है और कितने ही युवक गोरी मेमों को यहां ला रहे हैं क्योंकि यहां शुरू में उन्हें घर का प्यार मिलता है. वे नहीं जानतीं कि भारत में तो मर्द और ज्यादा खूंख्वार होते हैं क्योंकि उन्हें औरत की इज्जत, उसे बराबर समझना सिखाया ही नहीं जाता.
सिर्फ नाम की देवी
2017 में गोवा में आयरलैंड की 28 साल की लड़की डैनियल मैकलाक्लिन की लाश मिली. वह एक आस्ट्रेलियन युवती के साथ रह रही थी. 2020 में गुजरात के सूरत में थाईलैंड की वरिंदा बुर्जोन को उसी घर में जला कर मार डाला.
2018 में केरल में यूरोप के देश लातविया की एक लड़की को मार डाला जो आयुर्वेद इलाज के नाम पर बहका कर भारत बुलाई गई. उसे नशा करा कर उस से रेप किया गया और फिर लाश दलदल में फेंक दी गई थी.
भारत में दिल्ली के पास निठारी में जो हुआ और जिस तरह पकड़े गए 2 जनों को बरी भी कर दिया गया उस से साफ है कि यहां लड़कियां बिलकुल सेफ नहीं हैं. हम न अपनी औरतों की इज्जत करते हैं, न बाहर की औरतों की. पूज लेते हैं पर देवी बना कर. घर में तो जूती ही हैं.