विरासत एक ऐसी चीज है जो पिछली पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक एक हाथ से दूसरे हाथ को जाती है. पारंपरिक गहने इस विरासत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. इसीलिए अपनी जिंदगी के सब से बड़े दिनों में से एक शादी पर इन में से कोई एक पहनने से ब्राइड खुद को अपनी जड़ों से जुड़ने का एहसास कर पाती है.
यही मिस्टर इंडिया के नाम से फेमस ऐक्टर अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर ने अपनी शादी में महंगे और ट्रैंडी गहनों के बजाय अपनी मां के गहने पहने थे. ऐसा कर के उन्होंने न सिर्फ अपनी मां को सम्मान दिया बल्कि अपने पारंपरिक मूल्यों का भी मान बढ़ाया.
इसी तरह पटौदी खानदान की सब से छोटी बेटी सोहा अली खान ने जब कुणाल खेमू से शादी की तो उन्होंने अपनी शादी में अपने जमाने की खूबसूरत अदाकारा शर्मीला टैगोर जो उन की मां भी हैं का अपनी शादी में रत्नों से जडि़त सब्यसाची लहंगा और रानी हार पहना था, जिस में हरे पन्ने और ट्रेडमार्क पासा था. इस के अलावा उन्होंने हाथीदांत, सोने के आभूषण भी पहने थे.
आम लोगों में भी प्रचलित
यह चलन सैलिब्रिटी से शुरू हो कर अब आम नागरिकों के बीच भी प्रचलित हो गया है. तभी तो शहरों में रहने वाली लड़कियां भी विटेंज ज्वैलरी को अपना रही हैं.
ऐसी ही कहानी नमिता मुखर्जी की है. वे 30 साल की हैं और वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं तथा अपने लौंग टर्म बौयफ्रैंड विनय मेहता से शादी की है. वे कहती हैं, ‘‘एक लड़की की जब शादी हो रही होती है तो वह बहुत भावुक होती है. शादी के टाइम पीरियड के दौरान वह बस यह सोच रही होती है कि वह किसी तरह अपने परिवार और उन की मान्यताओं से जुड़ी रहे. इस के लिए वह अपने खानदान के पुश्तैनी जेवर पहनने से भी नहीं हिचकाती बल्कि उन्हें पहन कर खुद को उन से जुड़ा पाती है.