सवाल
मैं स्कूल शिक्षिका हूं. मुझे अकसर गले में खराश रहती है. इस के कारण मेरी आवाज भी भारी हो जाती है और बोलने में गले में दर्द भी होता है? क्या करूं?
जवाब
ओरोफेरिंग्स, जीभ के ठीक पीछे स्थित होता है. जब यह सूज जाता है या सूज कर लाल हो जाता है तो उसे गले की खराश कहते हैं. गले में खराश मुख्यत: वायरस के संक्रमण से होती है. इसे चिकित्सीय भाषा में ग्रसनीशोथ (फैरिंजाइटिस) कहते हैं. अधिकतर मामलों में गले में खराश वायरस के कारण होती है हालांकि कुछ मामलों में स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया भी इस का कारण होता है. कुनकुने पानी से गरारे करना, गरम पानी का सेवन, अदरक का सूप गले में खराश होने पर काफी फायदेमंद होता है. आप चाय में अदरक डाल कर उस का भी सेवन कर सकते हैं. अदरक में ऐंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जिस से दर्द और सूजन से राहत मिलती है. गले में खराश का कारण सामान्य होने पर इस के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन लंबे समय तक गले में खराश को नजरअंदाज करना या घरेलू उपायों के भरोसे बैठे रहना ठीक नहीं है. किसी ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाएं क्योंकि इस का कारण ऐलर्जी से ले कर गले का कैंसर भी हो सकता है.
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मेरी बेटी की उम्र 7 माह है लेकिन वह ताली बजाने या बरतन से आवाज करने पर सिर नहीं घुमाती है. क्या उस की सुनने की क्षमता सामान्य नहीं है?
सामान्यत: 4 माह का बच्चा ताली बजाने या बरतन से आवाज करने पर उस तरफ सिर या आंख की पुतली घुमाता है. आप की बच्ची 7 माह की हो गई है लेकिन आवाजों के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. आप किसी अच्छे ईएनटी से उस की श्रवण क्षमता की जांच कराएं. अगर वह सामान्य रूप से सुन नहीं पा रही है तो उसे सुनने की मशीन लगवा देनी चाहिए. अगर वह अत्यधिक बहरेपन की शिकार है तो 1 साल की उम्र में कौक्लियर इंप्लांट करा देना चाहिए. इस से ऐसे बच्चे भी सामान्यरूप से बोलना और सुनना शुरू कर देते हैं.