"मुनिया पूरे 1 साल हो गए अब बच्चे की किलकारी कब सुना रही हो ? देखो ज्यादा देर करने की जरूरत नहीं, छोटी उम्र में बच्चे हो जाएं तो अच्छा रहता है."

जैसे ही मुनिया की सास ने यह बात बोली, मुनिया सोच में पड़ गई और अपने पति के घर  आते ही कहा ," मां बच्चे की जिद कर रही हैं ,लेकिन मैं अभी मानसिक रूप से तैयार नहीं." इस पर मुनिया के पति ने हंसते हुए कहा तो तुमसे कौन जबरदस्ती कर रहा है एक कान से सुनो और दूसरे कान से निकाल दो. हमें हमें जब प्लान करना होगा बच्चा , हम कर लेंगे."

जी हां, पेरेंट्स बनना हर कपल की जीवन की सबसे बड़ी खुशियों में से एक है. हालांकि ये बात समझना जरूरी है कि यह जितनी बड़ी खुशी है, उससे कहीं बड़ी जिम्मेदारी है. एक नई जिंदगी को जीवन देना और फिर उसे बड़ा करना, कोई आसान काम नहीं है. दूसरी ओर भारत सहित अधिकांश देशों में नए नवेले जोड़ों पर माता-पिता बनने का एक अजीब सा प्रेशर बना दिया जाता है. इसे लेकर कई तर्क दिए जाते हैं. ऐसे में कई बार कपल पूरी तरह से बिना मेंटली  प्रिपेयर  हुए ही बच्चे की जिम्मेदारी उठाने का फैसला कर लेते हैं और बाद में उन्हें पछतावा होता है. पेरेंट्स बनने से पहले आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार होना चाहिए. पेरेंट्स बनने से पहले इस बात पर जरूर ध्यान दें कि कहीं आप प्रियर प्रेशर या खुद की दबी इच्छाओं से प्रभावित होकर तो ऐसा फैसला नहीं कर रहे. फैसला लेने से पहले इन बातों पर ध्यान जरूर दें.

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