जिंदगी कई बार इंसान को सिखा देती है कि कैसे जीना है और मेरे साथ यही हुआ. पति की एक सड़क दुर्घटना ने मेरी जिंदगी का सुखचैन सब छीन लिया. मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि मैं इस से कैसे बाहर निकलूं. तभी मैं ने एक टीवी शो में देखा कि एक परेशान महिला, जो मेरी तरह ही दुविधा में थी, लेकिन एक आत्मशक्ति ने उसे राह दिखाई और वह उसी पथ पर चल पड़ी और सफल रही.
ऐसी ही बातों को शेयर कर रही थी, मुंबई की गोरेगांव स्थित अपने रेस्तरां ‘आहारे बांग्ला’ यानी ‘द फ्लेवर औफ बेंगल’ में बैठी 35 वर्षीय टीना गुहा, जिसे बताते हुए उन की आवाज भारी हो गई. टीना कहती हैं कि 8 साल पहले जब मेरे पति विधान गुहा जो फिल्मों के आर्ट डाइरैक्टर हैं, काम से रात को लौट रहे थे, लौटते समय एक बड़े ऐक्सीडैंट के शिकार हो कर बैड पर आ जाते हैं, उन के बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन काफी महीनों तक बैड पर पड़े रहने के बाद ही वे थोड़े ठीक हुए हैं और अब मेरे साथ काम में हाथ बंटाते हैं. मैं कोलकाता की हूं और शादी के बाद मुंबई आई. यहां के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मेरी बेटी सुविथी गुहा भी तब बहुत छोटी, जब उनका एक्सीडेंट हुआ था.
उस दौरान इस तरह के ?ाटके से मैं सहम गई क्योंकि मेरे पति अच्छा कमाते थे, मु?ो पैसे के बारे में कभी सोचना नहीं पड़ता था. उन के ऐक्सीडेंट के सारे खर्चे मैं ने जमापूंजी से किए. धीरेधीरे पैसे खत्म होने लगे. मु?ो सम?ा नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. मैं ने कभी भी बाहर निकल कर कोई काम नहीं किया था, लेकिन मु?ो कुछ कर उन का साथ देना था. मु?ो खाना बनाना भी बहुत कम आता था, लेकिन मेरे दोस्तों ने सलाह दी कि मैं यही काम घर से कर सकती हूं. इस में वे मेरा साथ देंगी.
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