बढ़ती गरमी के साथ आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. मगर इन घटनाओं की वजह क्या हैं, जान कर हैरान रह जाएंगे आप…
दिल्ली व एनसीआर ही नहीं, देश के अलगअलग राज्यों में गरमी का कहर बढ़ता जा रहा है. चाहे वह मैदानी क्षेत्र हो या पहाड़ी, गरमी ने लोगों का जीना बेहाल कर रखा है. आएदिन आग लगने की दिल दहला देने वाली खबरें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जिस से आग लगने का ग्राफ दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है.
कहीं गरमी ने त्राहि मचाई हुई है तो कहीं लापरवाही ने लेकिन खामियाजा लोगों को जान दे कर भुगतना पड़ रहा है.
*गुजरात टौप गेमिंग जोन*
गुजरात में टौप गेमिंग जोन में लगी आग ने 28 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया जिस में 12 बच्चे थे. इस मामले में प्रशासन ने 6 अधिकारियों को सस्पैंड किया. आरोप है कि अधिकारी ने बिना जांचपड़ताल किए टीआरपी गेम जोन का लाइसैंस रिन्यू किया था. जांच में सामने आया है कि गेम जोन के पास अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं थी.
*दिल्ली में न्यू बोर्न बेबी हौस्पिटल में आग*
दिल्ली के विवेक विहार इलाके के न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में हाल ही में जो दर्दनाक हादसे हुआ उस में 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, इस अस्पताल का लाइसैंस 31 मार्च को ही समाप्त हो गया था. इस के बाद भी हौस्पिचल का संचालन किया जा रहा था. इस अस्पताल का लाइसैंस भी केवल 5 बिस्तरों के लिए ही अनुमति दी गई थी. लेकिन वहां ज्यादा बेड थे.
*कृष्णा नगर में लगी आग*
दिल्ली के कृष्णा नगर में एक बिल्डिंग में आग लगने से 3 लोगों की मौत हो गई है. उस के ग्राउंड फ्लोर पर कमर्शियल ऐक्टिविटीज होती थी. यहां कोई इलैक्ट्रिक टूव्हीलर ओनर अपने वाहन को चार्जिंग पर लगा कर चला गया था. पहले उस में आग लग गई और उस के बाद इलैक्ट्रिक मीटर में लगी और बढ़तेबढ़ते आग ने बिल्डिंग के तीनों फ्लोर को अपनी जद में ले लिया.
इन सभी घटनाओ में एक बात सामान्य है और वह है लापरवाही. लापरवाही चाहे प्रशासन की हो या आम आदमी की लेकिन लोगों को इस का खामकियाजा जान दे कर भुगतना पड़ा. क्यों आज के समय में लोगों में जान इतनी सस्ती हो गई है की वे सिर्फ अपना मतलब निकालने की ही सोचते हैं? ऐसी घटनाओं से बचने के लि जागरूक होना अति आवश्यक है.