यूरिनरी ट्रैक्ट में हुए किसी भी संक्रमण को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानि UTI कहा जाता है. असल में ब्लैडर से पेशाब को शरीर से बाहर ले जाने वाली नली (यूरेथ्रा) में कोई जीवाणु नहीं होता या संक्रमण पैदा करने के लिए वह बहुत कम होता है, लेकिन किसी कारणवश यूरिनरी ट्रैक्ट का कोई भी हिस्सा गलत हाईजीन, लम्बे समय तक पेशाब रोके रखना, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, शुगर आदि की वजह से संक्रमित हो सकता है और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना होती है.

असल में यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होता है, जो मूत्रमार्ग के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं. महिलाओं में मूत्रमार्ग की नली पुरुषों की तुलना में बहुत छोटी होती है, और योनि पीछे के मार्ग (गुदा) के बहुत करीब होती है, जहाँ बैक्टीरिया रहते हैं. इन कारणों से  महिलाओं को यूटीआई होने का अधिक जोखिम होता है.

यूटीआई के रिस्क फैक्टर कुछ इस प्रकार है,

  • लगभग 3 में से 1 महिला को 24 वर्ष की आयु से पहले यूटीआई का उपचार कराना पड़ता है.
  • बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि के कारण मूत्राशय आंशिक रूप से खाली हो सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  • कुछ दवाओं और असंयम की समस्याओं के कारण वृद्ध लोगों में यूटीआई होने की संभावना अधिक होती है.
  • जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और जो अपने मूत्राशय को खाली नहीं कर सकते हैं, उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है.
  • इम्यून सिस्टम में परिवर्तन के कारण मधुमेह से पीड़ित लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.

इलाज

 

 

एंटीबायोटिक्स यूटीआई का कारण बनने वाले जीवाणु संक्रमण का इलाज कर सकता हैं. इसलिए इलाज के लिए डॉक्टर की परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है, कोई भी दवा जांच के बाद ही शुरू करना सही होता है.

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