लौह महिला के रूप में फेमस प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दो सिग्नेचर स्टाइल पूरी तरह से पोती प्रियंका गांधी में नजर आता है. एक उनका हेयरस्टाइल और दूसरी उनकी साड़ी. प्रियंका के फैन्स को उनके चेहरे में उनकी दादी की झलक नजर आती है, वे ऐसा मानते हैं कि प्रियंका की नाक भी उनकी दादी जैसी ही है.  

राजनीतिक सूझबूझ में माहिर इंदिरा गांधी की साड़ियां उनकी पर्सनालिटी के साथ खूब मैच करती थी. उनकी साड़ी कलेक्शन में ज्यादातर हैंडलूम कौटन की साड़ियां  होती थी. इन साड़ियों की खासियत थी उसका लाइट बेस कलर और ब्राइट कलर का बौर्डर.  दरअसल उनकी साड़ियों में स्वदेशी भावना झलकती थी.

पावर ड्रेसिंग में साड़ी को शामिल करने का श्रेय मिसेज गांधी को
शर्ट पैंट, कोट जैसी ड्रेसिंग स्टाइल को पावर ड्रेसिंग के साथ जोड़कर देखा जाता रहा है लेकिन सालों पहले भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री  मिसेज इंदिरा गांधी ने यह मिथक को तोड़ दिया था. उनकी पावरफुल पर्सनालिटी ने साड़ी को ही पावर ड्रेसिंग का रूप दे डाला. उनकी खास तरह की साड़ियां और उसे पहनने का खास अंदाज प्रोफेशनल वुमन के लिए इंस्पीरेशन की तरह है. वे अपनी  साड़ी के आंचल को प्लीट बनाकर बड़े करीने से कंधे पर रखती थीं. जहां तक प्रियंका गांधी की बात है, तो उन्हें भी काटन हैंडलूम साड़ियों में खूब देखा जाता है हालांकि प्रियंका गांधी की साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल में कहींकहीं कुछ बदलाव भी नजर आता है. मंच पर भाषण देने के दौरान उन्हें प्लीटेड पल्लू में देखा जा सकता है, तो चुनाव अभियानों के दौरान जनता से बात करते समय या मिलते समय वह पल्लू को प्लीट बनाने की बजाय लहराता हुआ छोड़ देती हैं. साड़ी पहनने के अंदाज से प्रियंका के बौडी लैंग्वेज को समझा जा सकता है, प्लीटेड पल्लू के समय उनका अंदाज सधा हुआ होता है, मतलब सीधा और साफ बात करने के मूड में नजर आती हैं, वहीं खुले लहराते आंचल में उनका बेफिक्री भरा अंदाज  होता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि साड़ी में उनका आत्मविश्वास झलक रहा होता है.

शादी के दिन पूजा पर पहनी थी दादी की लाल बनारसी
प्रियंका और उनकी दादी इंदिरा गांधी की ड्रेपिंग स्टाइल में एक फर्क भी नजर आता है कि मंच से भाषण के दौरान मिसेज गांधी अक्सर सिर को पल्लू से ढका करती थी, वहीं प्रियंका गांधी को सिर ढकते कम देखा गया है. इंदिरा गांधी की साड़ियों में सूती साड़ियों के अलावा खादी, रा सिल्क, टेंपल बौर्डर की साड़ियां, कश्मीरी नीडलवर्क और इक्कत प्रिंट साड़ियां भी शामिल थी. प्रियंका गांधी ने कई बार गाहेबगाहे दादी की साड़ियां पहनती देखी जाती हैं. यहां तक कि 18 फरवरी 1997 को रौबर्ट वाड्रा के साथ परिणय सूत्र में बंधने के दिन सुबह की पूजा के लिए प्रियंका गांधी ने दादी इंदिरा गांधी के वार्डरोब की साड़ी चूज की. रेड कलर की बनारसी साड़ी पर गोल्डन बूटियां बनी थी. इस फोटो को उन्होंने एक्स अकाउंट पर शेयर की. उन दिनों #SareeTwitter ट्रेंड कर रहा था. इस बार चुनाव के दौरान भी उन्हें साड़ियों में देखा गया

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