गोरे, सांवले और काले स्किन टोन को लेकर समाज ब्लैक एंड व्हाइट जमाने में ही ठहर गया है, खासकर जब बात महिलाओं के शरीर के रंग की हो.
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गोरे रंग का मोह सबको
हाल ही में एक अखबार के कौलम में एक्ट्रेस टि्ंवकल खन्ना ने लिखा कि उनकी बेटी नितारा का स्किन टोन स्विमिंग की वजह से टैन हो गया था, एक दिन उनके एक रिश्तेदार ने नितारा को उसके भाई आरव भाटिया से तुलना करते हुए कहा, “नितारा देखने में क्यूट है लेकिन स्किन टोन के मामले में भाई जैसी नहीं है.”
एक्टर अक्षय कुमार और एक्ट्रेस टि्ंवकल खन्ना के बेटे आरव काफी गोरे हैं. एक्ट्रेस ने बताया कि रिलेटिव की बात सुनने के बाद उनकी बेटी में हीनभावना आ गई. बेटी ने कहा कि “मैं भैया जैसे रंग की दिखना चाहती हूं.” मामूली सी लगने वाली यह घटना इस बात को उजागर करती है कि समाज के उच्च तबके यानी सेलिब्रिटी क्लास में भी स्किन टोन का गोरा, सांवला या काला होना बहुत मायने रखता है.
कैंपेन की खुल गई पोल
कुछ साल पहले गोरेपन को प्रमोट करनेवाली क्रीम को लेकर विश्वभर में आलोचनाओं का दौर चल पड़ा था. इसी से घबराकर साल 2020 में एक मशहूर कंपनी की फेयरनेस क्रीम ने अपना नाम ‘फेयर एंड लवली’ से बदलकर ‘ग्लो एंड लवली’ कर दिया था. #BlackLivesMatter
नाम से शुरू हुए ट्रेंड के बाद कंपनी की ओर से पुरुषों के फेयरनेस क्रीम के नाम में भी सुधार किया. लेकिन क्या, इस तरह के सुधार के बाद भी त्वचा की रंगत को लेकर लोगों की सोच में सुधार आया है?