इंडियन पौलिटिक्स में सोफिया फिरदौस नाम कुछ नयानया सा है लेकिन हो सकता
है कुछ सालों बाद यह नाम एक बड़ी शक्ल अख्तियार कर ले. सोफिया का सबसे
छोटा इंट्रोडक्शन है यह उड़ीसा की पहली मुस्लिम महिला विधायक हैं.
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लीक से हटकर करने की चाहत
32 साल की इस विधायक के चेहरे पर सदा सॉफ्ट सी स्माइल बिखरी रहती है लेकिन
कम उम्र में इन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सोफिया ने 2024 के उड़ीसा
विधानसभा चुनाव में बाराबती-कटक सीट से जीत हासिल की है. सोफिया फिरदौस को सलवार कुर्ता, साड़ी जैसे ट्रेडिशनल ड्रेस के साथसाथ मॉर्डन ड्रेसेज में भी देखा जाता है. इस वजह से उनकी इमेज प्रोग्रेसिव इंडियन मुस्लिम वुमन की है. बिजनेसमैन शेख मेराज उल हक के साथ इनकी शादी हुई है.
क्वालिफिकेशन के मामले में भी आगे
सोफिया की कई क्वालिटीज में से एक हैं उनका एकेडमिक क्वालिफिकेशन. इनके
पास प्रबंधन और सिविल इंजीनियरिंग दोनों की डिग्रियां है. इन्होंने भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलौजी से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद बेंगलुरू के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एग्जीक्यूटिव जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम में डिप्लोमा भी किया. चुनाव लड़ने के पहले वह अपने पिता की कंपनी मेट्रो बिल्डर्स में बतौर डायरेक्टर काम कर रही थी.
एक विवाद भी सोफिया के साथ
कटक में जन्मी सोफिया के पिता कांग्रेस के पूर्व विधायक मो. मोकिम हैं. साल 2024 मे सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा ग्रामीण आवास और विकास निगम ऋृण धोखाधड़ी के मामले में सोफिया के पिता मो. मोकिम को दोषी ठहराया था इसी वजह से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना गया. तब सोफिया ने रियल एस्टेट डेवलर के अपने कैरियर को विराम देकर पिता मो. मोकिम के कहने पर बारामती-कटक सीट से चुनावी रण में उतरने का फैसला किया. सोफिया ने बीजेपी के प्रत्याशी पूर्णा चंद्रा महापात्रा को 8001 मतों के अंतर से हराया. उड़ीसा में इस बार बीजेपी की लहर होने के बावजूद सोफिया की जीत बहुत मायने रखती है.