मां बनाना हर महिला के लिए गर्व की बात होती है. फिर चाहे बच्चा उस की कोख का जना हो या किसी और का. एक बच्चे की परवरिश करना दोनों ही परिस्थितियों में मां के लिए आसान नहीं होता और तब तो बिलकुल नहीं जब वह कामकाजी महिला हो.
ऐसे में सरकार का यह फैसला सरहानीय है कि यदि सरकारी महिला कर्मचारी सरोगेसी द्वारा मां बनी है तो 6 महीने का मातृत्व अवकाश ले सकेंगी. यह सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं के लिए अच्छी खबर है.
अच्छी पहल
अब तक इस विषय पर कोई प्रावधान नहीं होने के कारण नवजात शिशु की परवरिश करना उन के लिए बहुत ही मुश्किल था जिस वजह से कई बार महिलाओं को बच्चे की परवरिश करने के लिए नौकरी तक छोड़नी पड़ती थी जोकि उन के लिए काफ़ी परेशानी भरा फैसला होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब वह 180 दिन का मातृत्व अवकाश ले कर उस की परवरिश कर सकेगी.
क्या है सरोगेसी
ऐसे कपल जो मातापिता तो बनना चाहते हैं लेकिन बच्चे पैदा नहीं कर सकते, इस परिस्थिति में मातापिता बनने के इच्छुक कपल किराए की कोख का सहारा लेते हैं, जिसे सरोगेसी कहा जाता है.
सरकार के मुताबिक यदि सरोगेट मां (अधिष्ठाता मां) केंद्रीय कर्मचारी है तो उसे मातृत्व के लिए 180 दिनों तक का अवकाश मिलेगा जिस के जरीए वह अपने बच्चे का पूरी तरह से ध्यान दे सके.
पिता को भी अवकाश
आज के समय में एकल परिवार का चलन ज्यादा है, जिस वजह से बच्चे की परिवरिश में माता के साथसाथ पिता का अधिक रोल होता है. समय की जरूरत को देखते हुए ऐसे में 15 दिनों का पिता को भी अवकाश मिल सकेगा जिस से बच्चे पर हर तरह से ध्यान दिया जा सके.
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