बचता है शादी का खर्च : शादियों में काफी खर्च होता है.  सबसे अधिक खर्च गहने खरीदने में हाेता है क्योंकि सोने का भाव कभी कम नहीं होता है. पेरेंट्स के लिए बेटी के गहनों की खरीदारी एक सिरदर्द की तरह होती है, ऐसे खर्च से बचने के लिए भी मां अक्सर अपने गहने अपनी बेटी को शादी में सौंप देती है.  इससे बचत तो होती ही है लेकिन दो भावनाएं और जुड़ जाती है. 

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पहली भावना यह होती है कि बेटी को यह अहसास होता है कि उसकी शादी ने पैरेंट्स को फाइनैंशियली कमजोर कर दिया है, इस वजह से वह हमेशा के लिए अपने मायके की आभारी हो जाती है. दूसरी भावना यह होती है कि मां के गहने के रूप में मां का आशीर्वाद उसके साथ होगा.  कहीं न कहीं उसी समय उन गहनों को देखकर यह भी महसूस करती है कि इन गहनों को वह अपनी बेटी या बहू को सौपेगी.

सैलिब्रिटी के लिए ट्रैंड
हाल ही में सोनाक्षी सिन्हा ने मां की ज्वेलरी पहनकर शादी की.  सोनाक्षी से पहले एक्ट्रैस कीर्ति खरबंदा ने एक्टर सम्राट के साथ शादी के दौरान चूड़ा फंक्शन के लिए नानी का हार पहना और मां की चुनरी ओढ़ी.  उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में फोटो शेयर करते हुए लिखा कि यह गहना और चुनरी में शादी करने का उनका बचपन का सपना था. मेरी शादी में जरूर आना मूवी से मशहूर हुई एक्ट्रैस कीर्ति खरबंदा से भी काफी पहले स्टाइल दीवा मानी जानेवाली सोनम कपूर ने भी शादी में मां सुनीता कपूर के गहने पहने थे. सोनम ने शादी के आनंद कारज सैरेमनी के मौके पर मां सुनीता कपूर की शादी की 34 साल पुरानी ज्वेलरी पहने.  सोनम को स्टाइल आइकौन के तौर पर जाना जाता हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मां की ज्वेलरी को पहनने में कोई संकोच नहीं किया. आजकल की युवा पीढ़ी में से कुछ ओल्ड फैशन माने जानेवाले ज्वेलरी की ब्यूटी को सराहते हैं , उन्हें सोने का टुकड़ा एक नायाब नमूना लगता है जो बड़ेबड़े ज्वेलरी के शोरूम में नजर नहीं आता है. ये बचपन से ही उन गहनों की खासियत के बारे में अपनी मां या दादी से सुनती हैं इसलिए भी उसकी विशेषता को समझती हैं. 

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