भारत में डायबिटीज बहुत तेजी से बढ़ रही है. बिगड़ता खानपान, स्ट्रैस और शारीरिक श्रम में कमी इस का सब से बड़ा कारण बनता जा रहा है. पिछले 2 दशकों में डायबिटीज बच्चों एवं युवाओं में सब से तेजी से बढ़ रही है. दिल्ली में 20 से 40 साल की उम्र के लोगों में 48 फीसदी से ज्यादा डायबिटीज से ग्रस्त हैं.
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कैसे होती डायबिटीज
हमारे शरीर में रक्त के द्वारा पोषक एवं जीवनदायक तत्त्व पहुंचते हैं, जिन में से एक है शुगर ग्लूकोस. अगर रक्त में शुगर की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है तो उसे डायबिटीज कहते हैं. हमारे शरीर से शुगर को रक्त में पहुंचने के 2 तरीके होते हैं- पहला भोजन और दूसरा लिवर.
हमारे भोजन का एक बड़ा हिस्सा कार्बोहाइड्रेट से बनता है, जो शुगर का संयुक्त है. यह कार्बोहाइड्रेट खाना पचाने की क्रिया के दौरान शुगर में परिवर्तित हो जाता है. भोजन के बाद जब रक्त में ग्लूकोस की मात्रा अधिक हो जाती है तब पैंक्रियाज से छूट कर इंसुलिन रक्तप्रणाली में पहुंच जाती है, जिस के कारण ग्लूकोस हमारी कोशिकाओं में प्रवेश कर जाती है और रक्त में ग्लूकोस की मात्रा कम हो जाती है.
जब कोशिकाओं में ग्लूकोस की जरूरत
पूरी हो जाती है तो इंसुलिन के जरीए अतिरिक्त ग्लूकोस ग्लाइकोजन में बदल जाता है और जरूरत पड़ने पर लिवर ग्लाइकोजन को तोड़ कर ग्लूकोस में परिवर्तित करता है. पैंक्रियाज में इंसुलिन ठीक से न बन पाने अथवा कोशिकाओं में ग्लूकोस के न जाने के कारण रक्त में शुगर के बढ़ने की मात्रा की स्थिति को डायबिटीज कहते हैं. डायबिटीज को टाइप 1 और टाइप 2 में बांटा जा सकता है.