देश में 33% महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या की शिकार हैं. कभी देरी से पीरियड तो कभी समय से पहले पीरियड्स का आ जाना उन के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है, जिसके कारण उनके स्ट्रैस लेवल में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. आइए जानते हैं अनियमित पीरियड्स के लिए कौनकौन से कारण हैं जिम्मेदार:

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स्ट्रैस बड़ा कारण: आज की भागतीदौड़ती जिंदगी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा व अपने खानपान का सही से ध्यान नहीं रखने के कारण हमारे स्ट्रैस का लेवल बढ़ने के साथसाथ शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ने लगता है. जिसमें सबसे अहम हार्मोन्स हैं प्रोजेस्टोरोन, एस्ट्रोजन जिनकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. क्योंकि स्टै्रस से इनका स्तर गिरता है, जबकि प्रोजेस्टोरोन का बढ़ता स्तर ही पीरियड्स को रेगुलर करने का काम करता  है. इसी हार्मोन की वजह से यूटरस की लाइनिंग थिक होकर आपका यूटरस प्रैगनैंसी के लिए तैयार होता है. और इसमें गड़बड़ी बिलकुल ठीक नहीं है.

पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम: पीसीओडी ये नाम तो आपने सुना ही होगा. क्योंकि ये समस्या आजकल हर दूसरी महिला को है. इसकी वजह से न सिर्फ पीरियड्स अनियमित होते हैं बल्कि पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द के साथ इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो जाती है. यहां तक कि वजन में तेजी से बढ़ोतरी होने के साथसाथ चेहरे पर अनचाहे बाल उग आते हैं, जो कोन्फिडेन्स को भी कम करने का काम करते हैं.

फाइब्रोइड: ये अकसर यूटरस की लाइनिंग के बाहर या अंदर होता है. ये जरूरी नहीं कि हर फाइब्रोइड आगे चलकर  कैंसर ही बने, लेकिन अगर आपके पीरियड्स देरी से आते हैं, पीरियड्स के दौरान काफी दर्द महसूस हो, खून की भी कमी हो, सैक्स के दौरान या पीरियड्स आने से पहले निचले हिस्से में काफी दर्द हो तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं, क्योंकि इसका कारण फाइब्रोइड हो सकता है. जिसे समय पर इलाज से कंट्रोल किया जा सकता है.

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