प्रकृति प्रेमी अविका ने अपने थ्री बी एच के फ्लैट की बालकनी को बहुत महंगे महंगे पौधों से सजा रखा था जो भी उसके घर आता था उसकी बालकनी की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाता था. बारिश का मौसम जैसे ही प्रारम्भ हुआ तो भी उसके सारे पौधे जस के तस रखे रहे. परन्तु कुछ दिनों के बाद उसने देखा कि एडेनियंम, एगलोनिमा, क्रोटोन और पाम जैसे अधिकांश पौधों की जड़ें गल गयी और वे पौधे धीरे धीरे सूख गए. दरअसल आजकल अधिकांश घरों बालकनी या टेरेस गार्डन होते हैं जहां पर पौधों को गमले में लगाया जाता है, इनकी जड़ें चूंकि एक छोटे से गमले में होतीं हैं इसलिए इन्हें अतिरिक्त पोषण और देखभाल की आवश्यकता होती है. बारिश के मौसम में ये भली भांति बढ़ते रहें इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है.

1.अक्सर गार्डन की जमीन को साफ रखने के लिए गमलों के नीचे प्लेट्स लगा दीं जातीं हैं परन्तु यही प्लेट्स बारिश में पानी से भर जाती हैं ये भरा हुआ पानी एक तरफ जहां गमले में लगे पौधों की जड़ों को नुकसान तो पहुंचाता ही है, दूसरी तरफ लंबे समय तक भरे पानी में डेंगू जैसे बीमारी के जीवाणु पनपने की संभावना भी होती है इसलिए बारिश के प्रारम्भ होते ही गमलों के नीचे से प्लेट्स हटा देना ही उचित रहता है.

2. चूंकि बारिश में अक्सर पानी बरसता है इसलिए गमले के नीचे के ड्रेनेज होल को चेक कर लें ताकि गमले से बारिश का पूरा पानी ड्रेनेज होल से निकल जाए यदि गमले में पानी भरा रहेगा तो गमले में लगा पौधा ही सड़ जाएगा. यदि पानी गमले की ऊपरी सतह पर हो तो गमले को थोड़ा सा टेढ़ा करके पानी निकाल दें.

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