आत्महत्या एक ऐसा आसान तरीका है जो हर वो कमजोर आदमी अपनाना चाहता है जो जिंदगी से बेजार हो चुका है. और अपनी मुश्किलों से भरी जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए उसको आत्महत्या ही एक ऐसा आसान तरीका लगता है जो हर समस्या का समाधान उसकी नजर में है. कई लोगों में ऐसी प्रवृत्ति पाई जाती है जो छोटी-छोटी बात पर भी आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. बिना यह सोचे की उनकी इस हरकत से उनके अपनों पर क्या हाल होगा. जैसे की कई युवा प्यार में असफलता पाने के बाद , या परीक्षा में फेल होने के बाद, या बेरोजगारी के चलते पैसे पैसे को मोहताज होने के चलते कर्जे में डूबने के बाद अपनी जिंदगी खत्म करने का आसान तरीका अर्थात आत्महत्या अपना लेते हैं.
आज के टेंशन भरे माहौल में जब कि हर कोई किसी न किसी बात को लेकर परेशान है लिहाजा वह ऐसी खराब जिंदगी जीने के बजाय आत्महत्या करके पूरी तरह से दुख से छुटकारा पाना चाहता है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जो बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं और थोड़ा सा दुख आने पर भी आत्महत्या तक करने का फैसला ले लेते हैं. कई बार ऐसे जघन्य कारण भी होते हैं जबकि इंसान मजबूर होकर न सिर्फ खुद आत्महत्या करता है बल्कि ऐसे जालिम समाज से अपने परिवार को बचाने के लिए या तो पूरे परिवार को जहर दे देता है या गोली मारकर हत्या कर देता है और खुद भी फांसी पर लटक जाता है.
पिछले कुछ सालों में कई किसानों ने भी कर्जे में फंसे होने की वजह से आत्महत्या कर ली. ऐसे में सवाल यही उठता है की क्या आत्महत्या हर समस्या का हल है? क्या आत्महत्या की कोशिश करने वाले मजबूर और दुखी लोगों को बचाया जा सकता है? हर साल कई लोग अपनी परेशानी से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं क्या इसका कोई हल है. पेश है इसी सिलसिले पर एक नजर...