Writer-  इंदु सिन्हा ‘इंदु’

गुलाबी शहर यानी पिंक सिटी जयपुर. रात का अंधियारा चारों तरफ अपने पंख पसार चुका था. लेकिन वह अंधकार को कायम रखने में सफल नहीं हो पाया था. पूरा शहर रोशनी से नहा रहा था. ऐसी ही एक खूबसूरत शाम थी. जयपुर के म्यूजियम के सामने ढेर सारी लड़कियों और लड़कों का ?ांड खड़ा था. खूबसूरत रोशनी से जगमगाते म्यूजियम के साथ सैल्फी का दौर चल रहा था.

‘‘काश, शाम को भी म्यूजियम में जाने की परमिशन होती तो मजा आ जाता,’’ शैली जोर

से बोली.

‘‘ओ डार्लिंग, नोनो तुम डर जातीं शाम को म्यूजियम के अंदर,’’ विराट ने शैली का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो शैली अपना हाथ छुड़ा दूर चली गई.

‘‘शैली यार, आओ 1-2 सैल्फी और लेते हैं.’’ फिर चलते है.

दूसरे फ्रैंड्स भी शैली और विराट की नोक?ांक देख रहे थे. वे सब जानते थे कि विराट और शैली एकदूसरे को पसंद करते हैं. दोनों क्लासमेट भी थे.

‘‘नहींनहीं बहुत सैल्फी हुईं अब चलें. आओ भी,’’ शैली बोली.

‘‘अच्छा,’’ कह तभी विराट ने दौड़ कर शैली को पकड़ लिया तो वह खिलखिला कर हंस दी.

दूसरे फ्रैंड्स करण, शर्लिन, स्वीटी, रोहन बोले, ‘‘अब चलो यार बहुत हो गई मस्ती.’’

‘‘हां चलोचलो. अरे सुनो,’’ अचानक शैली रुक गई.

‘‘क्यों क्या हुआ,’’ स्वीटी व रोहन बोले.

‘‘हम सब तो मसाला चौक चल रहे हैं न,’’ शैली ने पूछा.

‘‘हां, वहीं चल रहे हैं,’’ रोहन बोला.

‘‘तो देख लो अभी रात में तो वहां और भीड़ होगी, गाड़ी पार्किंग की समस्या भी होती है,’’ शैली बोली.

‘‘हां यार यह बात तो सही है. पिछली बार भी परेशानी हुई थी,’’ विराट बोला.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...