मुंबई शहर एक ऐसा शहर है जहां हिंदुस्तान के कोनेकोने से कई लोग अपनी तकदीर आजमाने आते हैं. एक अच्छी जिंदगी का सपना लेकर जहां ढेर सारा पैसा, नौकरी, लग्जरियस लाइफ, के साथ सुकून की जिंदगी जीने का पूरा मौका मिले. मुंबई शहर भी ऐसे ही कई लोगों का हाथ फैला कर स्वागत करती है. यहां पर सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी उज्जवल भविष्य का सपना लेकर मुंबई शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने या अच्छी नौकरी पाने के उद्देश्य से आती है. लेकिन उनके पीछे उनके घर वालों को खासतौर पर मातापिता भाई को गहरी चिंता सताती है कि उनकी बेटी या बहन इतने बड़े शहर में सुरक्षित है कि नहीं. अगर बाकी शहरों की बात करें जैसे की भारत की राजधानी दिल्ली, या बाकी शहर, लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है. रात के 10:00 बजे के बाद या यूं कहे रात के 8:00 के बाद लड़कियां अपने आवास स्थान से निकलने में घबराती हैं क्योंकि बाकी शहरों में लड़कियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. रास्ते चलते कभी भी कोई भी बड़ा कांड हो सकता है. लिहाजा लड़कियां रात को 8 बजे के बाद अकेली नहीं निकलती.

लेकिन मुंबई शहर लड़कियों के लिए सुरक्षित है यहां पर काम करने वाली लड़कियां देर रात भी आवागमन कर सकती हैं जिसके लिए उनके पास बहुत सारी सहूलियत भी होती हैं ऐसे में कहना गलत ना होगा कि मुंबई शहर में लड़कियों का अकेले रहना पूरी तरह सुरक्षित है. बड़ीबड़ी डिग्रियां ना होने पर भी वह नौकरी कर के पैसे कमा सकती हैं. यहां पर रहने के लिए घर जरूर बहुत छोटे होते हैं लेकिन फिर भी कई सारी सहूलियतों के चलते हर किसी को सर छुपाने का ठिकाना जरुर मिल जाता है. खानेपीने की व्यवस्था में भी कई सारी सुविधाएं हैं. जिसके चलते ऐसा कहा जाता है की मुंबई शहर भूखा उठाती जरूर है लेकिन भूखा सुलाती नहीं है आइए जानते हैं यह सब कैसे संभव है ? ऐसा क्या है इस जादूनगरी में जहां दिन-ब-दिन पैसा कमाने के लिए आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है? पेश है इसी सिलसिले पर एक नजर...

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