जब एक लड़कालड़की शादी के गठबंधन में बंधते हैं, तो उनके इस नए रिश्ते के साथ बंधती है एक दूसरे प्रति कई उम्मीदें. उम्मीदें एक दूसरे का साथ निभाने की, परिवार वालों को मान सम्मान देने की. क्योंकि शादी का अर्थ सिर्फ जीवनसाथी से ही रिश्ता होना नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है. जिस तरह लड़के को लगता है कि उसका पार्टनर उसके परिवार को अपना परिवार समझे और सभी के साथ प्यार से मिलजुल कर रहें, उसी तरह लड़की की भी ख्वाहिश होती है कि उसका जीवनसाथी उसके मायके वालों को मान सम्मान दे उनके सुखदुख में साथ निभाए.

लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लड़कालड़की के परिवार वालों के साथ मिलना तक पसंद नहीं करता. और उसके बाद भी वह चाहता हैं कि उसकी पत्नी अपने सास ससुर को मांबाप का दर्जा दे. इस तरह का व्यवहार कई बार तलाक तक का कारण बन जाता है इसलिए जरूरी है समय रहते परिस्थितियों को सुधारे.चलिए जानते हैं उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से आपका पार्टनर आपके मायकेवालों से दूरी बनाए रखना पसंद करते हैं व किस तरह आप ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति को सुधार सकती हैं.

कारण

  • लड़की का बातबात पर अपने मायके वालो का ज़िक्र करना लड़के में असुरक्षितता की भावना को उत्पन्न करता है.
  • पति का व्यवहार यदि पत्नी के लिए अच्छा ना हो तो पति को डर रहता है कि उसकी पत्नी बातों को अपने मायके में ना बोल दे. इसीलिए उनकी कोशिश होती है कि ससुराल से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है.
  • यदि इतिहास में परिवार के किसी भी सदस्य को ससुरालपक्ष से धोखा मिला हो तो भी डिसरिस्पेक्ट की भावना आ जाती है.

क्या करें

  • एक दूसरे के परिवारों के प्रति गलतफहमियों को दूर करें.
  • जिसके लिए शांतिपूर्वक बात करना जरूरी है.
  • पति को समय दें ना कि हमेशा मायके वालों से फोन पर बात करती रहें.
  • मायके की छवि को हमेशा सकरात्मक रूप से बनाएं रखें.
  • पति को एहसास दिलाएं कि आपका उनके साथ मायके आना आपके परिवार में सभी को खुशी देता है.

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