शादी एक खूबसूरत रिश्ता है जो प्यार और भरोसे की नींव पर टिका रहता है. जब यह शादी दो प्यार करने वाले आपस में करते हैं तो जिंदगी को सारे रंग मिल जाते हैं. अपने प्रेमी के साथ उम्र गुजारने का अहसास ही अलग होता है. मगर अक्सर समाज, परिवार और खासकर रिश्तेदार प्यार के मामले में थोड़े कंजर्वेटिव हो जाते हैं. जहां युवा अपने साथी को चुनने और प्यार के आसमान में ऊंची उड़ान भरने की आज़ादी चाहते हैं वहीं उनके माता पिता अक्सर खुद को समाज, परंपराओं, जाति ,धर्म , हैसियत जैसे मानदंडों में फंसा हुआ पाते हैं और यहीं से असली टकराहट शुरू होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि पैरेंट्स को इस शादी के लिए कैसे मनाया जाए;

आप किसी से दिल से प्यार करती हैं और उस के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हैं. वह भी आप से बहुत प्यार करता है मगर आप के पेरेंट्स इस प्यार के खिलाफ हैं और वह नहीं चाहते कि आप उस लड़के से शादी करें. पैरेंट्स अपने हिसाब से आप की शादी कराना चाहते हैं. ऐसे में आप क्या करेंगी? चुपचाप अपने सपनों का गला घोटकर पैरेंट्स की बात मान लेंगी या फिर पैरेंट्स को छोड़ कर उस लड़के के साथ अपना घर बसाएंगी?

जैसा कि हम जानते हैं आज के समय में लड़कियां अपने सपनों को और अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जीना चाहती है. ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं जो अपनी जिंदगी के बड़े फैसले खुद करती हैं. उन्हें अगर पैरेंट्स की बात सही नहीं लगती तो वे अपने लिए आवाज उठाती हैं. कई दफा ऐसी हालत में लड़कियों को अपने पैरेंट्स का घर छोड़ने का फैसला लेना पड़ता है. मगर जो भी हो कोई बड़ा फैसला लेने से पहले अपनी तरफ से पैरेंट्स को इस शादी के लिए मनाने कर प्रयास जरूर करना चाहिए.

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