क्या मेरा अकेला ऐसा मोबाइल है जिस पर हर कुछ टाइम बाद आदिवासी हेयर औयल का विज्ञापन चलने लगा है? डाबर और हिंदुस्तान लीवर के रेडियस से क्या इतने लोग बचे रह गए हैं कि तेल के स्टार्टअप धंधे में अभी भी पैसा कमाया जा सकता है? आखिर ऐसा क्या है आदिवासी हेयर औयल में कि देशभर के तमाम बड़ेछोटे इन्फ्लुएंसर्स, यहां तक कि फराह खान जैसी फिल्म डायरैक्टर भी इस का प्रचार करने में लगे हैं? क्या आदिवासी हेयर औयल सच में चमत्कारिक प्रोडक्ट है? यह तमाम वे सवाल हैं जो आजकल सोशल मीडिया यूज करने वालों के मन में चल रहे हैं.

आजकल उत्तर भारत का हर छोटाबड़ा इन्फ्लुएंसर आदिवासी हेयर औयल का प्रचार कर रहा है. यहां तक कि फिल्म से जुड़ी हस्तियां भी इस तेल का प्रचार कर रही हैं. इंस्टाग्राम, फेसबुक से ले कर यूट्यूब तक जिधर देखो उधर आदिवासी तेल खरीदने की चर्चाएं चल रही हैं और इस आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को चमत्कारिक बताया जा रहा है. कई आम लोग भी इस औयल को सर्च कर रहे हैं और खरीद रहे हैं.

इन के अधिकतर विज्ञापन बेहद साधारण और मोबाइल से शूट किए गए लगते हैं. देख कर लगता है जो तेल बना रहे हैं उन में से ही कुछ एक्ट कर लेते हैं. इन में अकसर लंबे और घने जटाओं वाला एक शख्स जमीन पर रखी कई तरह की जड़ीबूटियों के साथ दिखाई देता है. वह दावे करता है कि इस में 108 प्रकार की जड़ीबूटियों का इस्तेमाल किया गया है और यह पूरी तरह से और्गेनिक है, जो कुछ महीनों में ही बालों की ग्रोथ और स्ट्रैंथ बढ़ाता है. हालांकि कई आयुर्वेदिक प्रोड्क्ट्स में पहले भी स्टेरौइड पाए जा चुके हैं तो जब तक इस तेल की बायोकैमिकल रिपोर्ट किसी विश्वसनीय एजेंसी से नहीं आ जाती संदेह जताया जा सकता है. दावे के अनुसार इसे लगाने से सफेद बाल जड़ से काले और बंजर टांट में हरियाली उग आती है.

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