रोहन की मां रीना आज खुद को कुसूरवार मानती है क्योंकि जब रिहान छोटा था तो वह उसे एक जगह बैठाने के चक्कर में कार्टून चैनल लगा कर बैठा दिया करती थी, जिस से वह आराम से अपना घर का काम कर ले.
वह बैठा कार्टून देखता रहता.लेकिन धीरेधीरे यह अब उस की आदतों में शुमार हो गया और अब रिहान इतना ज्यादा चिङचिङा व जिद्दी हो गया कि रीना के लिए उसे पालना किसी चुनौती से कम नहीं रहा।
रिहान स्वभाव से बहुत ही चंचल है लेकिन थोड़ा शरारती भी है.उसे कार्टून देखना बहुत पसंद है.उस का पसंदीदा कार्टून सिंघम है.और वह भी इतना पसंद कि हर वक्त उस की कौपी करता है.कभी उस की चाल की, कभी बोलने की, तो कभी उस की तरह स्टंट करने की, जिस से उस की मां राखी बहुत ही परेशान रहती.
कभी स्कूल से शिकायतों का भंडार सुनने को मिलता तो कभी आएदिन स्टंट के चक्कर में चोट खाता.वह यही सोचती की कैसे इस की इन आदतों को छुड़वाए.
देखा जाए तो इस का कारण रीना खुद है क्योंकि पहले तो वह खुद उस को कार्टून देखने को कहती, जिस से वह मारधाङ वाले कार्टून ज्यादा देखता.
हद तो तब होती जब रीना खुद उस के साथ बैठ कर टीवी देखती.इसलिए जरूरी है कि समय रहते मातापिता ऐसी गलती न करें व बताई गई हमारी इन बातों पर ध्यान दें जिस से आप अपने बच्चे के स्वभाव में परिवर्तन ला सकते हैं :
नकारात्मक प्रभाव
आजकल बच्चे कार्टून चैनल की गिरफ्त में आ कर बचपन में खेलनेकूदने की गतिविधियों से अपरिचित होते जा रहे हैं जिस कारण अनेक बीमारियों का शिकार भी होने लगे हैं लेकिन जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह हर चीज के 2 पहलू होते हैं- सकरात्मक व नकरात्मक प्रभाव.
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