अन्वी की शादी नवंबर माह में होनी है जिस के चलते आजकल वह शौपिंग करने में व्यस्त है. किसी भी लड़की की शादी में शादी वाले दिन पहना जाने वाला लहंगा शौपिंग का मुख्य विषय होता है. अन्वी भी पिछले 15 दिनों से अपने लहंगे को ले कर परेशान है क्योंकि जो लहंगा उसे पसंद आता है वह उस की रेंज से बहुत ऊपर होता है. अब उसे समझ नहीं आ रहा है कि करे तो क्या करे ताकि मम्मीपापा का बजट भी न बिगड़े और उस का अपना शौक भी पूरा हो जाए.
तनीषा की 1 वर्ष पूर्व ही शादी हुई है. अपनी शादी का लहंगा उस ने ₹80 हजार का खरीदा था. उस समय मन में सिर्फ एक ही बात थी कि शादी बारबार तो नहीं होती, जिंदगी में एक बार ही होती है। इस भावना के चलते खरीद तो लिया पर अब वह पछता रही है। शादी के बाद सिर्फ एक बार अपने देवर की शादी में ही पहना है. अब बारबार तो एक ही ड्रैस नहीं पहन सकती न.
लेकिन अब लग रहा है कि इतने पैसे यदि म्यूचुअल फंड या सेविंग में डाले होते तो आज काम आ जाते.
लहंगा शादी वाले दिन पहनने के लिए आज दुलहनों की पहली पसंद है. पहले की अपेक्षा आज फैशन बहुत तेजी से बदलता है. इसलिए आज जो फैशन है कल वह नहीं रहेगा. ऐसे में लहंगे पर हजारों या लाखों रुपये खर्च करना कहां की बुद्धिमानी है. अकसर महंगेमहंगे दामों पर शादी वाले दिन के लिए खरीदे गए लहंगे एकाध बार ही दोबारा पहने जाते हैं अन्यथा वे कवर्ड में पड़े धूल खाते रहते हैं.
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