हमारे मन में तरहतरह की भावनाएं उत्पन्न होती रहती हैं. कभी क्रोध, कभी प्यार, कभी किसी के लिए ममता की भावनाएं उमड़ती हैं, कभी अनायास ही किसी से लड़ने का मन हो उठता है, तो कभी किसी मनपसंद व्यक्ति को देख कर उस के करीब आने का मन करने लगता है. इन सभी भावनाओं के पीछे हारमोंस काम करते हैं. हारमोंस के रिसाव से ही मन में अलगअलग फीलिंग्स आने लागती हैं. शरीर के अंदर होने वाली गतिविधियों का हमें ज्ञान नहीं होता है. हम सिर्फ उन्हीं भावनाओं को ऐंजौय करते रहते हैं जो ऊपर से दिखाई देती हैं. यहां हम शरीर के अंदर उठने वाली भावनाओं और उन के कारणों के विषय में विस्तार से बता रहे हैं.

जब इंसान के मन में कोई भी भावना पैदा होती है तो यह उस के चेहरे पर स्पष्ट दिखाई पड़ने लगती है सिर्फ बाहर ही नहीं, बल्कि शरीर के भीतर भी प्रतिक्रियाएं होती है जिस के परिणाम स्वरूप ‘हारमोन’ निकलते हैं जैसे जब किसी को गुस्सा आता है तो किसी अलग हारमोन का प्रवाह होता है, जब कोई खुश होता है तो डिफरैंट हारमोंस प्रवाहित होते हैं. इसी प्रकार जब शारीरिक संबंध या सैक्स की भावना मन में उठती है तो जो हारमोन प्रवाहित होता है वह एक भिन्न हारमोन प्रवाहित होता है.

आइए, आज हम इन ही अलगअलग भावनाओं में से एक विशेष भावना जो सैक्स संबंध के समय उत्पन्न होती है उस हारमोन के बारे में आप को बताते हैं. मन में शारीरिक संबंध उत्पन्न होने पर मुख्यत: इन 4 हारमोंस का रिसाव होता है- ‘डोपामाइन,’ ‘सैरोटोनिन,’ ‘ऐंडोरफिन’ और ‘औक्सिटोसिन.’ चूंकि ये चारों हारमोंस आनंद देते हैं तन और मन में खुशी और गुदगुदी प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें प्लेजर हारमोंस या लव हारमोंस भी कहा जाता है.

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