Breast Implant : हर लड़की एक परफैक्ट फिगर की चाहत रखती है. इसके लिए सबसे जरूरी है, ब्रैस्ट साइज का सही आकार और शेप होना, लेकिन कई लड़कियों के ब्रैस्ट साइज काफी छोटे होते हैं, जिसकी वजह उनका कौन्फिडैंस लेवल लो हो जाता है. कई बार छोटे ब्रैस्ट साइज के कारण लड़कियां शर्मिंदा भी महसूस करती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएस में हर 1 हजार महिलाओं में 8.08 महिलाओं ने ब्रैस्ट इंप्लांट करवाया है. कहा जाता है कि 98 प्रतिशत तक सर्जरी सफल होती हैं. सिर्फ एक या दो प्रतिशत मामलों में ही कौम्प्लेक्स देखने को मिलते हैं.

Woman wearing compressing bra after breast augmentation holding round implants

लड़कियों की बौडी को सुडौल बनाने के लिए ब्रैस्ट साइज का सही होना बहुत जरूरी है. बढ़ती तकनीक के कारण छोटे ब्रैस्ट साइज की समस्या को भी सुलझाया जा रहा है. इन दिनों लड़कियों में ब्रैस्ट इंप्लांट का क्रेज बढ़ता जा रहा है. जिन लड़कियों के ब्रैस्ट साइज छोटे होते है, वो आकर्षक दिखने के लिए ब्रैस्ट इंप्लांट की मदद लेती हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ जरूरी बातें…

a woman is putting a bra on a womans chest

क्या है ब्रैस्ट इंप्लांट

जानकारी के अनुसार, ब्रैस्ट इंप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है. जिसमें महिला के ब्रैस्ट की साइज को बढ़ाने के लिए यह सर्जरी की जाती है. इस सर्जरी को औग्मेंटेशन मैमोप्लास्टी के नाम से भी जाना जाता है. खासकर मेट्रो सिटी में रहने वाली लड़कियां ब्रैस्ट इंप्लांट करवाती हैं.

ब्रैस्ट इंप्लांट महिलाओं के लिए जरूरत बनती जा रही है. यह सर्जरी ब्रैस्ट के साइज को बढ़ा सकती है. इसमें सिलिकन जेली का उपयोग किया जाता है. इस सर्जरी में ब्रैस्ट ऊतक के नीचे फैट को स्थानांतरित करके की जाती है.

ब्रैस्ट इंप्लांट का क्या है खर्च

रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रैस्ट इंप्लांट पर कुल खर्च 70, 000 से लेकर 1,00,000 रुपये तक है. हालांकि ब्रैस्ट इंप्लांट का खर्च तकनीक और वहां के लोकेशन पर भी डिपेंड करता है.

ब्रैस्ट इंप्लांट का कोई साइड इफैक्ट है ?

18 साल की उम्र या बढ़ती उम्र की महिलाएं के लिए ब्रैस्ट इंप्लांट स्वीकृत है. ब्रैस्ट सर्जरी के बाद इसे सामान्य होने में पूरे 6 हफ्ते लगते हैं. हालांकि ब्रैंस्ट इंप्लांट में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, वो हैं इंफेक्शन, निपल में बदलाव या कमी. माना जाता है कि ब्रैस्ट इंप्लांट के बाद ब्रैस्टफीडिंग करवाने में प्रौब्लम हो सकती है. लेकिन सर्जरी करवाने से पहले आप डौक्टर की सलाह जरूर लें ताकि कोई परेशानी न हो.

कितने तरह के होते हैं इंप्लांट

यह ब्रैस्ट साइज बढ़ाने की प्रक्रिया है, जो तीन प्रकार के होते हैं.

सेलाइन इंप्लांट: सिलिकौन इलास्टोमेर का एक मजबूत खोल होता है और यह सर्जरी के समय एक स्टेराइल सेलाइन सल्‍यूशन से भरा होता है.

अल्टरनेटिव-कम्पोजीशन इंप्लांट : यह कई फिलर्स से भरे होते हैं. सोया औयल, पौलीप्रोपाइलीन स्ट्रिंग जैसी चीजें होती हैं.

सिलिकौन इंप्लांट : ये एक चिपचिपा सिलिकौन जेल से भरे होते हैं.

यह कौस्मेटिक सर्जरी सुरक्षित है. इसकी मदद से महिलाओं को  ब्रैस्ट में काफी बदलाव आता है. इससे छोट ब्रैस्ट साइज की महिलाओं के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है. आमतौर पर महिलाएं ब्रेस्ट इम्प्लांट का औप्शन चुनती हैं ताकि वे महसूस कर सकें कि उनके ब्रेस्‍ट का साइज परफैक्ट हैं.

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