बारिश का मौसम लगभग समाप्ति की ओर है. बारिश के बाद घर की अधिकांश दीवारें, फर्नीचर और बाथरूम में पानी की नमी के कारण सीलन से प्रभावित हो जाती है. जब यह सीलन काफी लंबे समय तक बनी रहती है तो दीवारों में फफूंद और काई लग जाती है. यही नहीं कई बार इस फफूंद और काई से दीवारों का रंग हरा और काला तक हो जाता है. इस काई और फफूंद में हजारों अदृश्य वायरस (माइक्रोऔर्गेनिज्म) होते हैं जो सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं.

औल इंडिया इंस्टीट्यूट औफ मेडिकल साइंसेज के अनुसार भारत में 5 करोड़ से अधिक लोग इस काई और फफूंद से उत्पन्न होने वाली फंगल डिजिज से प्रभावित होकर डौक्टर के पास जाते हैं. इन माइक्रोऔर्गेनिज्म से राइनाइटिस अर्थात् लगातार नाक का बहना, एलर्जी, अस्थमा, छींक आना, और शरीर में खुजली होने जैसी अनेकों समस्याएं हो सकतीं हैं. इसलिए आवश्यक है कि घर के किसी भी हिस्से में किसी भी प्रकार की सीलन, काई या फफूंद न पनपने दें. यदि आपके घर का कोई भी स्थान इससे प्रभावित है तो आप निम्न तरीकों से उसे दूर कर सकते हैं-

1-फफूंद प्रभावित स्थान को झाड़ू से साफ करने की कोशिश न करें क्योंकि ऐसा करने से फफूंद में मौजूद कीटाणु हवा में जाकर घर के लोगों को प्रभावित करेंगे.

2-सर्वप्रथम एक गीले कपड़े से फफूंद को हल्के हाथ से रब करें, इससे उस जगह का कालापन काफ़ी हद तक कम हो जाएगा. इस कपड़े को डस्टबिन में फेंक दें.

3-एक कपड़े को फिनायल या वेनेगर में डुबोयें और प्रभावित स्थान को साफ़ करें इससे वह स्थान कीटाणु मुक्त हो जाएगा. इस कपड़े को दोबारा प्रयोग करने का प्रयास न करें.

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