बिगड़ते लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते आजकल दुबलेपतले लोग कम ही दिखाई देते हैं. दिनोंदिन बढ़ती रेस्तराओं की संख्या और उन में लोगों की भीड़ व औनलाइन फूड डिलिवरी का बढ़ता चलन कहीं न कहीं हमारे बढ़ते मोटापे और वजन के लिए जिम्मेदार है.

मैं हाल ही में परिवार संग उदयपुर घूमने गई थी. वहां एक फेमस होटल में रुकने का मौका मिला. वह फुल था. होटल को घूमते हुए वहां के स्टाफ से बातचीत के दौरान पूछा कि यहां जिम और रेस्तरां में जाने का सही समय क्या है ताकि जिम मशींस खाली मिलें और रेस्तरां में आराम से बैठ कर खाना खा सकें तो स्टाफ ने कहा कि आप जिम तो सुबह 6 से ले कर रात 8 बजे तक कभी भी जा सकते हैं. जिम तो अकसर खाली ही रहता है. कभी भी ओवर क्राउडेड नहीं होता लेकिन रेस्तरां में आप लंच के लिए 1 बजे तक आ जाएं नहीं तो फिर वह ओवर क्राउडेड हो जाता है.

उस के बताए समय अनुसार हम ने देखा कि वाकई जिम तो खाली पड़ा है और रेस्तरां फुल है. खूब शोरगुल मचा था. शायद इसीलिए आजकल दुबलेपतले लोग कम ही दिखाई देते हैं क्योंकि लोग जितना खा या कैलोरी ले रहे हैं उतनी बर्न नहीं कर रहे हैं और मोटापा एक बीमारी बन कर सामने आ रहा है. ज्यादातर लोग सेहत के मुकाबले स्वाद को ज्यादा तवज्जो देते हैं. यही वजह है कि उन की सेहत पर लगातार बुरा असर पड़ रहा है.

समय पर कंट्रोल जरूरी

मोटापा यानी अत्यधिक वजन होने के कारण व्यक्ति को मैटाबोलिक सिंड्रोम, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर, कार्डियोवैस्कुलर डिसऔर्डर, किडनी रोग का खतरा हो सकता है. हाई ब्लड प्रैशर को कभी हलके में न लें क्योंकि यह मुख्य रूप से तनाव, मोटापा, नसों की सिकुड़न से विकसित होता है. स्ट्रोक व हार्ट अटैक से बचने के लिए इसे समय पर कंट्रोल करना जरूरी है.

वहीं आजकल कार्डियोवैस्क्युलर डिसऔर्डर स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसे कार्डियोवैस्क्युलर डिसऔर्डर दुनियाभर में मौतों का बड़ा कारण है जोकि मुख्यरूप से फैट वाले फूड, स्मोकिंग, ऐक्सरसाइज न करने जैसी जीवनशैली की गलत आदतों के कारण होता है.

हमारी सेहत कई बार हमारी आदतों की वजह से बनती या बिगड़ती है. ज्यादातर लोग सेहत के मुकाबले स्वाद को ज्यादा तवज्जो देते हैं इसलिए फास्ट फूड के बढ़ते चलन ने कई बीमारियों को जन्म दिया है जैसे वजन बढ़ना, ब्लड प्रैशर, डायबिटीज, डाइजैशन का खराब होना आदि.

यही वजह है कि लोगों की सेहत पर लगातार बुरा असर पड़ रहा है. अनियमित खानपान, सोनेजागने की गलत आदत, गलत समय खाना खाने की आदत हमें गंभीर बीमार बना रही है.

इन आदतों को संतुलित कर हम गंभीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं. इस के लिए बायोलौजिकल क्लौक को फौलो करते हुए नींद लें, बिगड़ते लाइफ स्टाइल के चलते आजकल हम देर रात तक जागते रहते हैं और सुबह देर से उठते हैं जिस का असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है.

स्वस्थ रहने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है. इस से शरीर को रिपेयर, रिकवर और सैल्स को रीजनरेट करने में मदद मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है जिस के कारण आप सभी काम कुशलतापूर्वक कर पाते हैं. चीनी और नमक का सेवन संतुलित करें. पिज्जा, चिप्स, नूडल्स, डब्बाबंद जैसे जंक फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जिस से शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं. इसलिए जितना हो सके नमक और जंक फूड का सेवन कम करें.

शुगर की अधिकता हमारी सेहत पर बुरा असर डालती है. अधिक चीनी का सेवन करने की वजह से ज्यादातर लोग मोटोपा, डायबिटीज और ?ार्रियों सहित कई समस्याओं से जू?ाते हैं. अपने शारीरिक वजन को संतुलित रखें. इस के लिए रोजाना फिजिकल ऐक्टिविटी करें. मैदे से बनाएं. हम दिन में कई ऐसी चीजें खाते हैं जो मैदे से बनी होती हैं जैसे ब्रैड, पास्ता, नूडल्स, बिस्कुट, मठरी आदि. माना जाता है ये सब आसानी से हजम नहीं होतीं इसलिए जितना हो सके इस से दूरी बना लें.

कैफीन का अधिक प्रयोग

रात में पूरी नींद न होने की वजह से दिनभर ऊर्जा से भरे हुए नहीं रहते और फिर औफिस या अपने काम के दौरान आलस और टैंशन को दूर भगाने के लिए चाय और कौफी का सेवन करते हैं ताकि ऐक्टिव बने रहे लेकिन कौफी और चाय में अधिक मात्रा में कैफीन होता है जो हमारी नींद को प्रभावित करता है. फिर नींद न आने की स्थिति में डार्क सर्कल्स और सिर में दर्द हो सकता है.

डाइजैशन को करें ठीक

हमारा व्यस्त लाइफस्टाइल ही हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. भागदौड़भरी जिंदगी में लोग न तो समय पर खाना खा पा रहे हैं और न ही सही डाइट ले पा रहे हैं. यही वजह है बाहर का मसालेदार खाना, फास्ट फूड और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारे डाइजैशन को बिगाड़ रहा है क्योंकिगलत लाइफस्टाइल या आदतों की वजह से खाना ठीक तरीके से पच नहीं पाता और यही गैस बनने की वजह बन जाता है.

अगर आप अपना डाइजैशन बेहतर रखना चाहते हैं तो अपने लाइफस्टाइल को सुधारना बहुत जरूरी है. इस के लिए उन खाने की चीजों को शामिल करें जो आप के डाइजैशन को बेहतर करती हैं. डाइजैशन के लिए बैस्ट हैं ये फूड दही, इडली और चीज. ये फूड आप की आंतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं. ये अपचन से दूर रखते हैं. इन फूड आइटम्स में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो गट हैल्थ को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं.

साबूत अनाज

साबूत गेहूं, जई, जौ, ब्राउन राइस, पौपकार्न आदि साबूत अनाज के बेहतरीन उदाहरण हैं. इन में भी प्रीबायोटिक्स होते हैं जो स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए भोजन हैं. इन के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.

फूट

फल पोषक तत्त्वों का भंडार होते हैं खासकर सेब, नाशपाती, केला, रसभरी, पपीता आप के पेट के लिए बहुत अच्छे होते हैं. फल फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरे होते हैं जो डाइजैशन में मदद करते हैं.

ग्रीन टी, पुदीना, अदरक, सौंफ, तुलसी, नीबू की बनी चाय की मदद से पाचन संबंधी समस्याओं को सुल?ाया जा सकता है. खाने के बाद गरम चाय पीने से पेट फूलना, गैस और सीने में जलन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.

वजन को रखें नियंत्रण में

अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए डाइट में कम कैलोरी युक्त खानपान की चीजें शामिल करना आवश्यक है साथ ही वेट लौस ऐक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना भी जरूरी है.

यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आप कैलोरी इन, कैलोरी आउट डाइट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं. यह डाइट आप के प्रतिदिन कैलोरी इन्टेक से जुड़ी डाइट है. यह वजन घटाने और वजन बढ़ाने दोनों के लिए ही उपयुक्त है क्योंकि यह आप की कैलोरी की खपत को पूरी तरह से नियंत्रित रख सकती है. जब आप का कैलोरी इन्टेक कम होता है और खपत ज्यादा होती है तो कैलोरी डैफिसिट माना जाता है जिस की वजह से आप का वजन तेजी से कम होता है. इस डाइट को करने के लिए आप को अपना बीएमआर यानी बैसल मैटाबोलिक रेट कैलकुलेट करना पड़ता है. इस के बाद कैलोरी को डैफिसिट करते हैं ताकि आप का वजन कम हो सके.

वजन कम करने के लिए आवशयक नहीं कि आप अपनी कैलोरी को काउंट करें. आप इस के लिए एक बेहतर डाइट प्लान बना सकते हैं ताकि शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी न हो और कमजोरी महसूस न हो तथा आप का शरीर स्वस्थ बना रहे.

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